
संवाददाता
वृंदावन। कामदा एकादशी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं के सैलाब से बच्चों की आफत आ गई। गोदी में बच्चों को लेकर जा रही महिलाओं की भीड़ के दबाव से चीखें तक निकल गईं। वृद्ध श्रद्धालु भीड़ में दबे जा रहे थे। वीआईपी मार्ग का नजारा देखने लायक था। भीड़ का दबाव देख ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी भी खिसक लिए। मंदिर प्रशासन को इस बात का अंदाज ही नहीं था कि एकादशी को श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी उमड़ पड़ेगी। इस बात की गवाही एक वीडियो दे रहा है।
प्रश्न यह उठता है कि भीड़ के दबाव से कोई हादसा हो जाता या फिर भगदड़ मच जाती तो कौन जिम्मेदार होता। वीआईपी मार्ग में दिखाई दे रही भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा था कि इस मार्ग पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं के जूते और चप्पल भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि आज मंदिर में अपार भीड़ थी। मंदिर में दर्शन के बाद लौटकर आए श्रद्धालुओं को अपने चप्पल और जूते ढूढ़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ गई।
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