मथुरा समेत पूरे प्रदेश में बैकिंग करेस्पांडेंट सखी बनेंगी

प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा/लखनऊ । यूपी शासन ने बैकिंग करेस्पांडेंट सखी के लिए शार्टलिस्टेड महिलाओं का प्रशिक्षण शुरू कराने के लिए शासनादेश जारी कर दिया हैं। अपर मुख्य सचिव (ग्राम्य विकास विभाग) मनोज कुमार ने इस आशय का निर्देश मथुरा समेत प्रदेश के सभी जिलों के डीएम को दिया है। सरकार ने बैकिंग सखियों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक और नई जिम्मेदारी उनके कंधों पर डालने का फैसला लिया है। ये सखियां स्वयं सहायता समूहों के लिए समूह सखी की भूमिका भी निभाएंगी। इसके एवज में इन्हें 1200 रुपये प्रति माह अतिरिक्त की आय होगी।

गौरतलब है कि बैकिंग सखी का काम शुरू करने पर छह महीने तक इन्हें सरकार की तरफ से 4000 रुपये महीने दिए जाने हैं। इसके अलावा लेन-देन के एवज में बैंकों से कमीशन भी मिलेगा। समूह सखी के रूप में बैकिंग सखियों की जिम्मेदारी समूहों की बैठकों का मिनट तैयार करना तथा वित्तीय लेन देन का लेखा जोखा रखने की होगी। चूंकि बैंकिंग सखी के चयन में समूह सखी को वरीयता दी गई है, लिहाजा अधिकांश बैकिंग सखी के रूप में समूह सखियों का चयन होना तय माना जा रहा है।

बैकिंग सखी समूहों के लेन देन का डिजिटल ट्रांजेक्शन करेंगी। इससे राज्य में डिजिटल लेन देन को बढ़ावा भी मिलेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक बैंकिंग सखी पर करीब एक लाख दो हजार दो सौ रुपये खर्च आएगा। इस धनराशि में से प्रशिक्षण पर 2400 रुपये, पुस्तक व सर्टिफिकेशन 800 रुपये, इक्यूपमेंट पर 50 हजार रुपये, ओवर ड्राफ्ट फेसिलिटी पर 25 हजार रुपये, तथा छह माह के मानदेय पर 24 हजार रुपये खर्च होगा। इक्यूपमेंट व ओवर ड्राफ्ट की धनराशि ब्याज रहित लोन के रूप में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*