बरेली: लेखपाल की हत्या, नाले में मिला सिर का कंकाल

लेखपाल की हत्या

यूनिक समय ,नई दिल्ली। बरेली में लापता फरीदपुर तहसील के लेखपाल मनीष कश्यप (28) की हत्या कर दी गई। उनके सिर का कंकाल रविवार को कैंट क्षेत्र के नाले से बरामद हुआ है। हत्या की साजिश पांच लाख की फिरौती वसूलने के लिए तैनाती क्षेत्र में रहने वाले दोस्त ओमवीर कश्यप उर्फ अवधेश ने अपने तीन रिश्तेदारों के साथ मिलकर रची थी।

साजिश के तहत 27 नवंबर को लेखपाल को बुलाया और कार में बैठाकर शराब पिलाई। इसके बाद चलती कार में मफलर से गला कसकर हत्या कर दी और शव नाले में दबा दिया।

सर्विलांस की मदद से हरियाणा से पकड़े गए ओमवीर जब पुलिस को लेकर नाले के पास पहुंचा तो वहां से लेखपाल के कुछ कपड़े और हड्डियां भी मिलीं। यही कपड़े दिखाकर परिवार से फिरौती वसूलने की तैयारी थी। पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से बहेड़ी के निवासी और वर्तमान में बरेली में बुखारा रोड कॉलोनी में रहने वाले लेखपाल मनीष कुमार फरीदपुर तहसील में तैनात थे।

वह 27 नवंबर को ड्यूटी पर गए थे, इसके बाद घर नहीं लौटे थे। मां मोरकली ने खल्लपुर ग्राम प्रधान और उनके साथियों पर अपहरण का शक जताया था। इसके बाद से अज्ञात में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मनीष की तलाश में जुटी थी।

जांच में पता चला कि लेखपाल के हल्का क्षेत्र के गांव कपूरपुर निवासी ओमवीर कश्यप भी 27 नवंबर से लापता है। उसका नंबर जब सर्विलांस पर लगाया गया तो उसकी लोकेशन कभी दिल्ली तो कभी हरियाणा में मिल रही थी।

एसओजी ने हरियाणा से उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने पूरी वारदात कबूल कर ली है। उसने साजिश में शामिल बुखारा निवासी फुफेरे साले सूरज, मामा नन्हे कश्यप व पत्नी के मामा नेत्रपाल कश्यप का भी नाम कबूला है।

एसएसपी के आदेश पर जांच में जुटी एसओजी को जब पता चला कि ओमवीर भी लापता है, तो सर्विलांस से निगरानी शुरू कर दी गई। आरोपियों के बारे में सुराग लगने पर इनके मोबाइल फोन लिसनिंग पर लगाए गए। लेबर ठेकेदार के तौर पर काम करने वाला ओमवीर अपने मामा फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र निवासी नन्हे कश्यप से बात करते सुना गया।

इसमें वह नन्हे से फिरौती वसूलने की बात कह रहा था। इस पर नन्हे ने कहा कि मामला अभी गरम है। ठंडा पड़ेगा तब लेखपाल के परिवार से संपर्क करेंगे। हालांकि पुलिस को इस समय तक यह नहीं पता था कि लेखपाल की हत्या हो चुकी है। रविवार सुबह एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा और उनकी टीम ने जब ओमवीर को पकड़ा तो भी वह गुमराह करता रहा। सख्ती करने पर वह टूट गया और हत्या की बात कबूल कर ली।

लेखपाल की हत्या उसी दिन कर दी गई थी, जब उसे आरोपी उसे बुलाकर ले गए थे। आरोपी पुलिस जांच हल्की पड़ने का इंतजार कर रहे थे। सर्विलांस व अन्य स्रोतों से की गई जांच से अभी तक चार आरोपियों के घटना में शामिल होने की पुष्टि हुई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और साक्ष्य मिलेंगे तो जांच में शामिल किए जाएंगे।

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