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नई दिल्ली। अब सोशल मीडिया के जरिए किसी को अपमानिक करने या फिर धमकाने वाली पोस्ट लिखने वालों की खैर नहीं होगी। दरअसल केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने राज्य सरकार की ओर से लाए गए उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत किसी अपमानित करने या धमकाने वाले पोस्ट पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही केरल पुलिस आपराधिक एक्ट में धारा-118(ए) को जोड़ दी गई है।
सरकार की ओर से जारी नए अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति ऐसी सूचना भेजा है जो किसी को भी अपमानित करने वाली या धमकी देने वाली होगी तो उसे पांच साल की जेल या 10 हजार रुपये जुमार्ना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है। सरकार की ओर जारी इस नए अध्यादेश को लेकर अभी से विवाद खड़ा हो गया है और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर बातें की जानें लगी हैं। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इस अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद कहा कि ये फैसला सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रयोग और लोगों को निशाना बनाने की कुप्रथा के कारण लाया गया है।
बता दें कि केरल के एडवोकेट अनूप कुमारन, जिन्होंने 2015 में पुलिस की ओर से लगाए गए धारा- 118(डी) के खिलाफ केस दायर किया था, उन्होंने अब धारा-118(ए) के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है। एडवोकेट अनूप कुमारन ने कहा कि सरकार भले ही ये कह रही हो कि धारा-118(ए) के जरिए वह सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों को अपशब्द कहे जाने से सुरक्षित कर रही हो लेकिन सच्चाई ये है कि वह इस कानून के जरिए अपनी सरकार और अधिकारियों की आलोचना करने वालों का मुंह बंद करने का काम कर रही है।
सरकार का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में सोशल मीडिया पर गलत तरीके से चीजों को शेयर किया जा रहा है, जिसके कारण काफी गलत संदेश लोगों तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक जो भी कानून हैं वह इस तरह के संदेश रोकने के लिए काफी नहीं हैं। नया कानून सोशल मीडिया दुष्प्रचार करने वालों पर लगाम कसेगा।
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