नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के करीबियों पर आयकर अधिकारियों ने अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर छापामारी की कार्रवाई की है. इस इनकम टैक्स रेड का खाका इस तरह बुना गया कि सीेएम कमलनाथ को भी इसकी भनक दो घंटे बाद लगी. आयकर विभाग के इस छापे में करीब 300 अफसरों-कर्मचारियों ने अपनी भूमिका निभाई. जिन्हें सीआरपीएफ के करीब 300 जवानों और अफसरों वाली टीम ने सुरक्षा प्रदान की. ये छापे रविवार सुबह लगभग तीन बजे तीन राज्यों के 50 ठिकानों पर शुरू हुए थे, जो दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रहे. इस कार्रवाई में करीब 281 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के भोपाल और इंदौर स्थित घर पर छापेमारी के लिए आयकर अधिकारियों ने किराए पर गाड़ियां ली थीं. शनिवार देर रात खुद को टूरिस्ट बताकर अफसरों ने गाड़ियां बुक कराईं और रात करीब तीन बजे भोपाल-इंदौर में कार्रवाई को अंजाम दिया. इस पूरी कार्रवाई की स्थानीय पुलिस को कानों-कान खबर नहीं हुई. देश के इतिहास में यह शायद यह पहला मौका रहा होगा, जब आयकर टैक्स रेड में पुलिस की बजाय सीआरपीएफ की मदद ली गई हो.
जानकारी के मुताबिक इस छापे की तैयारी पिछले 15 दिन से चल रही थी. इस दौरान कई अधिकारी दिल्ली से इंदौर आए और संदिग्धों पर नजर बनाए रखी गई. जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने पूरी जानकारी जुटा ली, तब ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर इस कार्रवाई का फूलप्रूफ प्लान बनाया और इसे अंजाम दिया.
इसके बाद आयकर विभाग की टीम ने शनिवार रात ढाई बजे मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के करीबी अश्विनी शर्मा के भोपाल स्थित घर का दरवाजा खटखटाया. अश्विनी के परिजनों ने दरवाजा खोला, लेकिन आयकर विभाग की टीम को देखते ही दरवाजा बंद कर लिया और अगले आधे घंटे तक नहीं खोला. काफी मशक्कत के बाद दरवाजा दोबारा खोला गया. माना जा रहा है कि इस दौरान घर के सदस्यों ने कैश और दस्तावेज छिपाने की कोशिश की होगी.
कुछ यूं जुड़ी नाम की कड़ी-
दिल्ली में एक उद्योगपति के घर पर पड़े छापे और जबलपुर हवाला कांड से आयकर अधिकारियों को कुछ इनपुट मिले थे. अधिकारियों ने जब एक्टिव होकर हवाला कारोबार मामले के तार जोड़ने शुरू किए तो वे भोपाल में अश्विनी शर्मा और इंदौर में ललित छजलानी तक जा पहुंचे. इसके बाद सीएम कमलनाथ के ओसडी प्रवीण कक्कड़ और आरके मिगलानी का नाम भी सामने आया.
अश्विनी शर्मा को सीएम का करीबी बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद वह ट्रांसफर-पोस्टिंग में काफी सक्रिय था. इस दौरान अश्विनी ने काफी दौलत जमा की.
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