बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का बड़ा बयान, बोले—जुमा की नमाज होगी फिर निकलकर पत्थर मारेंगे

उन्नाव। उत्तर प्रदेश में उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान महंगाई, अजान, हनुमान चालीसा और दिल्ली में हुई पत्थरबाजी इन सभी पर अपनी बात रखी। साक्षी महाराज ने कहा है कि देश में मोदी की सरकार पत्थरबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। हमें तो लगता है मस्जिद और अब मंदिरों में शिक्षा सही नहीं दी जा रही है या फिर जिहाद की शिक्षा दी जा रही है।

महंगाई पर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा की महंगाई के अनेक कारण हैं। केवल यूक्रेन रूस युद्ध उसके ऊपर ही नहीं डाला जा सकता। परंतु केंद्र और प्रदेश दोनों सरकारें इसमें चिंतित हैं। उस महंगाई से बचने के लिए हम लोग जनता की पूरी तरीके से सेवा कर रहे हैं। जिस तरह से हम अन्न बांट रहे हैं हमें लगता कहीं ना कहीं इस महंगाई से निजात मिलेगी।

वहीं मथुरा के सवाल पर साक्षी महाराज ने कहा मथुरा के लिए योगी और केशव ने पहल कर दी है। साक्षी महराज आगे कहते है कि हमारे गायक कन्हैया मित्तल ने उनसे कह दिया है की अयोध्या और काशी तो सजा दी गई है। अब मथुरा की बारी है उसे सजा दिया जाएगा। सीएम योगी ने विकास का खजाना खोल दिया है।

मुसलमान को आजादी के बाद से भगाया गया अब मुसलमान बहुत समझदार हो गया है। तो मथुरा के मामले को हिंदू मुसलमान बैठकर आपस में सुलझा लेंगे। जितना अयोध्या का विवाद चला था यह विवाद चलने वाला नहीं है। जैसे काशी का मामला 90 प्रतिशत तो निस्तारित हो ही गया। इसी प्रकार से बहुत सहजता से मथुरा का भी मामला निस्तारित हो जाएगा।

अजान और हनुमान चालीसा पर साक्षी महाराज ने कहा कि हनुमान चालीसा स्वीकार नहीं हो सकती। सबको अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। परंतु जिस तरह से स्थितियां बदलती जा रही हैं तो मुझे पुराने वाले पैटर्न पर आना पड़ेगा। मदरसे और मस्जिद यह दोनों सही दिशा में नहीं चल रहे। जुमा की नमाज होगी और निकलकर लोग पत्थर मारेंगे।

साक्षी महराज आगे कहते है कि दुर्गा मंदिर से निकल कर किसी ने पत्थर नहीं मारा, हनुमान मंदिर से निकलकर कोई पत्थर नही मारा और नाही राम मंदिर से निकलकर कोई पत्थर मारता। कहते है कि आज तक बता दीजिए मुसलमानों का कोई जुलूस निकला हो और किसी हिंदू ने एक पत्थर मारा हो। आज तक हिंदुओं ने एक भी पत्थर नहीं मारा तो रामनवमी में पत्थर क्यों मारे जाते हैं। इसका मतलब है मस्जिद और मदरसों में जो शिक्षा दी जाती है शायद सही नहीं दी जाती या जिहादी शिक्षा दी जाती है।

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