एनडीए गठबंधन ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र को चुना संसदीय दल का नेता

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के चुने गए सांसद शनिवार को औपचारिक तौर पर नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुनेंगे। NDA के विजयी सांसद इस वक्त संसद के सेंट्रल हॉल में बैठक कर रहे हैं। इससे पहले शनिवार को बीजेपी समेत एनडीए के चुने गए सभी सांसद दिल्ली पहुंचे।

इस बैठक के बाद नरेंद्र मोदी एनडीए के घटक दलों के साथ भी बातचीत करेंगे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, जनता दल के नीतीश कुमार, अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल, एआईएडीएमके समेत एनडीए के तमाम नेता इस बैठक के लिए शनिवार को दिल्ली पहुंचे हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में मिली प्रचंड जीत के बाद शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा दे दिया था. उनके साथ ही मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों ने भी राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंप दिया. राष्ट्रपति ने सबका इस्तीफा स्वीकार करते हुए मोदी समेत सभी से नई सरकार के गठन तक कामकाज संभालने का आग्रह किया, जिसे पीएम ने स्वीकार कर लिया. अब वो शपथ लेने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर जिम्मेदारियां संभालेंगे।

नरेंद्र मोदी 30 मई को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले शनिवार को उन्होंने ट्वीट कर रविवार को अपनी मां हीरा बा का आशीर्वाद लेने के लिए गुजरात जाने की जानकारी दी. इसके अगले दिन यानी 27 मई को मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का आभार व्यक्त करने काशी का रुख करेंगे.

 

नए लोगों को मिलेगा मौका
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना में पार्टी को उल्लेखनीय सफलता मिली है. ऐसे में इन राज्यों से चुने गए नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का जोर दूसरी पंक्ति के नेताओं को बढ़ावा देने पर है। ऐसे में कई युवा चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने की संभावना है.’

बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि बीजेपी के सभी घटक दलों की बैठक 25 मई को शाम 5 बजे सेंट्रल हॉल में बुलाई गई है. इसी के साथ आज ही मंत्रिमंडल और पोर्टफोलियो को लेकर भी एक बैठक की जाएगी. इस बैठक में अमित शाह मौजूद रहेंगे और एनडीए के सभी नेताओं से इस पर मुलाकात करेंगे.

बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि बीजेपी के सभी घटक दलों की बैठक 25 मई को शाम 5 बजे सेंट्रल हॉल में बुलाई गई है. इसी के साथ आज ही मंत्रिमंडल और पोर्टफोलियो को लेकर भी एक बैठक की जाएगी. इस बैठक में अमित शाह मौजूद रहेंगे और एनडीए के सभी नेताओं से इस पर मुलाकात करेंगे.

अरुण जेटली और सुषमा स्वराज पर असमंजस
ऐसे में जबकि वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्वास्‍थ्य संबंधी कारणों से जूझ रहे हैं, इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि इन्हें नई कैबिनेट में जगह मिलेगी या नहीं. राज्यसभा सदस्य जेटली को 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से हार का सामना करना पड़ा था, जबकि मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से चुनकर आने वाली सुषमा ने इस बार स्वास्‍थ्य कारणों से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.

राहुल को मात देने वाली स्मृति को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
नई कैबिनेट में पूरी उम्मीद है कि रक्षा मंत्रालय का जिम्मा निर्मला सीतारमण ही संभालेंगी, जबकि अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मात देने वाली स्मृति ईरानी को शानदार जीत का इनाम देते हुए अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है. वहीं, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर भी नई सरकार का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे.

अमित शाह ने साध रखी है चुप्पी
नई सरकार में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की भूमिका को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. खबरें आ रही हैं कि शाह को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. हालांकि जब इस बारे में शाह से पूछा गया तो उन्होंने सधा हुए जवाब देते हुए कहा कि यह फैसला करना बीजेपी और प्रधानमंत्री का काम है.

जनता दल-शिवसेना को मिल सकती है कैबिनेट में जगह
घटक दलों में शिवसेना और जनता दल यूनाइटेड को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. लोकसभा चुनाव में इन दोनों दलों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. शिवसेना ने जहां महाराष्ट्र में 18 सीटें जीतीं, जबकि बिहार में जदयू ने 16 सीटों पर कामयाबी हासिल की.

एनडीए को 353 सीटें, अकेले बीजेपी 303 तक पहुंची
इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए ने 353 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है. अकेले बीजेपी ने 303 सीटों पर परचम लहराया है. वहीं, कांग्रेस 52 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है. सहयोगियों को मिलाकर यूपीए के हिस्से में 92 सीटें आई हैं, जबकि अन्य दलों को 97 सीटें मिलीं. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में मायावती-अखिलेश यादव के महागठबंधन को फेल कर करते हुए 80 में 62 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपना गढ़ अमेठी तक बचा नहीं पाए.

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