अभिनेता जीतेंद्र इस बीजेपी नेता से प्यार बैठे थे, ऐसे की थी पाने की कोशिश

नई दिल्ली। एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर जि‍तेन्द्र का 7 अप्रैल को जन्मदिन है. वे आज 77 साल के हो गए हैं. जीतेंद्र जितने बड़े फिल्म स्टार थे, उनकी जिंदगी भी उतनी ही फिल्मी. फिल्मों में आने से लेकर उनकी एक तरफ लव स्टोरी तक… जीतेंद्र की जिंदगी से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं जिन्हें जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. जि‍तेन्द्र का असली नाम ‘रवि कपूर’ है और डायरेक्टर वी शांताराम ने उनको ‘जितेंद्र’ नाम दिया था. अभिनेता जीतेन्द्र बॉलीवुड के पहले ‘रियल डांसिंगग स्टार’ हैं. तो चलिए हम आपको आगे बताते हैं उनके बारे में कुछ ऐसी ही दिलचस्प बातें.
मुंबई के गोरेगांव में लड़कों का एक समूह अक्सर फिल्मों का पहला शो देखा करता था. फिल्म देखने के बाद वे लोगो को बताते कि फिल्म कैसी है. एक दिन निर्माता-निर्देशक वी. शांताराम ने लड़को के समूह में से एक लड़के को फिल्म के बारे में लोगों से बातचीत करते हुए देखा. शांताराम उस लड़के से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने निश्चय किया कि वह उसे अपनी फिल्म में काम करने का मौका देगें. ये लड़का और कोई नहीं बल्कि जीतेंद्र ही थे. जीतेन्द्र ने अपने सिने कैरियर की शुरुआत 1959 में प्रदर्शित फिल्म ‘नवरंग’ से की जिसमें उन्हें छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला.

 आपको बता दें कि हेमा मालिनी जिन दिनों फिल्मों में आई थी उस समय हीरो जीतेन्द्र सुपर स्टार समझा जाते थे. हर एक लड़की उसके साथ काम करने को उत्सुक रहती थी। उस वक्त जीतेन्द्र ने हेमा को ज्यादा लिफ्ट नही दी.

लगभग पांच वर्ष तक जीतेन्द्र फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेता के रूप में काम पाने के लिये संघर्षरत रहे. वर्ष 1964 में उन्हें शांताराम की फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ में काम करने का अवसर मिला. इस फिल्म के बाद जीतेन्द्र अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए. वर्ष 1967 में जीतेन्द्र की एक और सुपरहिट फिल्म ‘फर्ज प्रदर्शित हुई. रविकांत नगाइच निर्देशित इस फिल्म में जीतेन्द्र ने डांसिंग स्टार की भूमिका निभाई. इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ‘मस्त बहारो का मैं आशिकश्रोताओं और दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ.
आपको बता दें कि हेमा मालिनी जिन दिनों फिल्मों में आई थी उस समय हीरो जीतेन्द्र सुपर स्टार समझा जाते थे. हर एक लड़की उसके साथ काम करने को उत्सुक रहती थी। उस वक्त जीतेन्द्र ने हेमा को ज्यादा लिफ्ट नही दी.

 धर्मेन्द्र और हेमामालिनी की जोड़ी को मिली अपार सफलता से जीतेन्द्र ने समझा कि यदि वह हेमामालिनी पर हाथ रख दे और उसे अपना बना ले तो वह भी धर्मेन्द्र की तरह लक्की हीरो बन जाएगा. जीतेन्द्र ने अपनी मां को हेमा की मां के पीछे लगा दिया.हेमा की मां जया चक्रवर्ती एक अनुभवी औरत है.उसने ये बात हेमा पर छोड़ दी.

धर्मेन्द्र और हेमामालिनी की जोड़ी को मिली अपार सफलता से जीतेन्द्र ने समझा कि यदि वह हेमामालिनी पर हाथ रख दे और उसे अपना बना ले तो वह भी धर्मेन्द्र की तरह लक्की हीरो बन जाएगा. जीतेन्द्र ने अपनी मां को हेमा की मां के पीछे लगा दिया.हेमा की मां जया चक्रवर्ती एक अनुभवी औरत है.उसने ये बात हेमा पर छोड़ दी.

 मद्रास में दोनों परिवार मिले और लगभग शादी की बात तय हो जाती किन्तु जीतेन्द्र ने पहले मंगनी और बाद में शादी करने का विरोध किया और कहा कि चट मंगनी पट शादी होनी चाहिये. उन्हें डर था कि कहीं मंगनी को बाद हेमा का मन ना बदल जाए. चट मंगनी पट शादी के लिए न हेमा तैयार थी. तभी उनकी मंगेतर शोभा सिप्पी वहां पहुंच गई क्योंकि जीतेन्द्र ने जल्दबाजी में शादी की खबर फैला दी थी. जिस बात के डर से यह खिचड़ी मुंबई की अपेक्षा मद्रास में पक रही थी वही बात हुई खबर मिलते ही शोभा सिप्पी अपने अभिभावकों के साथ मद्रास पहुंच गई और एक असली नाटक फिल्मी अंदाज में खत्म होगा जीतेन्द्र की किसी हीरोइन से शादी की हसरत दिल में ही रह गई.
मद्रास में दोनों परिवार मिले और लगभग शादी की बात तय हो जाती किन्तु जीतेन्द्र ने पहले मंगनी और बाद में शादी करने का विरोध किया और कहा कि चट मंगनी पट शादी होनी चाहिये. उन्हें डर था कि कहीं मंगनी को बाद हेमा का मन ना बदल जाए. चट मंगनी पट शादी के लिए न हेमा तैयार थी. तभी उनकी मंगेतर शोभा सिप्पी वहां पहुंच गई क्योंकि जीतेन्द्र ने जल्दबाजी में शादी की खबर फैला दी थी. जिस बात के डर से यह खिचड़ी मुंबई की अपेक्षा मद्रास में पक रही थी वही बात हुई खबर मिलते ही शोभा सिप्पी अपने अभिभावकों के साथ मद्रास पहुंच गई और एक असली नाटक फिल्मी अंदाज में खत्म होगा जीतेन्द्र की किसी हीरोइन से शादी की हसरत दिल में ही रह गई.

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