ब्रिटेन: नए कोरोना वायरस पर डब्लूएचओ ने कहा कि घबराइए नहीं, हालात काबू से बाहर नहीं!

लंदन। ब्रिटेन में कोरोना वायरस की नयी और कथित रूप से घातक किस्म सामने आने के बाद करीब 30 देश अभी तक यूके से हवाई संपर्क तोड़ चुके हैं। स्थिति बिगड़ती देख विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ब्रिटेन में हालत काबू में है और नया कोरोना वायरस ज्यादा संक्रामक या घातक है इसके अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि संस्था ने माना है कि ब्रिटेन के जिन इलाकों में ये वायरस मिला है वहां सामान्य से ज्यादा संक्रमण की दर पायी गयी है।

WHO के इमरजेंसी चीफ माइकल रेयान ने कहा कि महामारी के वक़्त में कई ऐसे मौके आते हैं जब संयम बनाकर रखने की ज़रुरत होती है। फिलहाल सब नियंत्रण में है और कई बार एक ही देश के अलग-अलग इलाकों में संक्रमण की दर में बड़ा अंतर भी पाया जाता है। रेयान ने कहा कि स्थिति हमारे नियंत्रण से बाहर नहीं है। हालांकि इस पर बारीकी से नज़र बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।

इससे पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, ‘सभी को, खास तौर पर श्रेणी-4 के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संयम बरतने की जरूरत है क्योंकि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं- यही एक मात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में लाने जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि स्थिति ‘बेहद गंभीर’ है और सरकार एक ‘बेकाबू’ वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है।’

साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी मिले मामले
इस नए कोरोना वायरस से जुड़े कुछ मामले ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में भी सामने आने की पुष्टि हुई है। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक छह देशों में इस नए वायरस की उपस्थिति के सबूत मिले हैं। एक नया सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन इस नए वायरस के प्रति भी भी उतनी ही कारगर है या नहीं? यूरोपीयन यूनियन की European Medicines Agency (EMA) ने बयान जारी कर कहा है कि ऐसे कोई सबूत नहीं है कि नए वायरस के खिलाफ वैक्सीन काम नहीं करेगी, हालांकि जांच अभी जारी है। WHO ने भी कहा है कि नए कोरोना वायरस से घबराने की ज़रुरत नहीं है, हो सकता है वह ज्यादा संक्रामक और घातक हो लेकिन फिर भी उसे रोका जा सकता है।

EMA चीफ एमर कुक ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत या साक्ष्य नहीं है जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि फाइजर या कोई भी अन्य वैक्सीन इस नए कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर साबित नहीं होगी, हमें जल्दबाजी में अफवाह फैलाने से बचना चाहिए। बता दें कि EU ने सोमवार को ही फाइजर के इमरजेंसी इस्तेमाल को पूरे यूरोप में मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि इस नए कोरोना वायरस की दहशत में करीब 30 देशों ने ब्रिटेन के साथ हवाई संपर्क तोड़ लिया है जबकि सऊदी अरब और ओमान जैसे देशों ने तो हवाई, समुद्री और जमीनी सीमा ही एक हफ्ते के लिए पूरी तरह बंद करने की घोषणा कर दी है।

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