नई दिल्ली। संसद में बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ‘राष्ट्रपति आज संसद के दोनों सदन को संबोधित करेंगे। हम सभी ने देखा है कि आज देश में एक जागरूकता है, हर नागरिक सदन की गतिविधि को बहुत बारीकी से देखता है हर आदमी तक सारी बातें पहुंचती हैं। सदन में अगर डिबेट नहीं होती है तो उनके प्रति समाज में नाराजगी पैदा होती है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘आशा करता हूं कि सभी सांसद जनभावना को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र का उपयोग गहराई और विस्तार से चर्चा में हिस्सा लेते हुए करेंगे। यहां के अच्छे माहौल का लाभ संसदीय क्षेत्र में भी मिलेगा’। उन्होंने कहा कि ‘सदन में खुले मन से चर्चा हो, सरकार उसका स्वागत करेगी।’
आपको बता दें कि वर्तमान सरकार का ये अंतिम सत्र है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल कल यानी शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है। यह अंतरिम बजट ऐसे समय में पेश किया जायेगा जब बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां अप्रैल-मई में होने वाले संभावित चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।
बजट सत्र को सुचारू रुप से चलाने के लिए राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्यसभा को सुचारु रुप से चलाने के प्रावधानों पर चर्चा होगी। यह बैठक राष्ट्रपति के केन्द्रीय कक्ष में अभिभाषण के बाद होगी। ये बैठक साढ़े तीन बचे होगी। इससे पहले बजट सत्र से एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विश्वास व्यक्त किया गया कि सत्र के दौरान सुचारू रूप से कामकाज होगा। बैठक की अध्यक्षता स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की। इसमें संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल एवं अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए। वहीं कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बीजद के भतृहरि माहताब, अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, राकांपा की सुप्रिया सुले, जदयू के कौशलेंद्र कुमार सहित अन्नाद्रमुक, माकपा एवं अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जतायी कि सत्र सुचारू रूप से चलेगा और सभी दलों ने इस बारे में भरोसा जताया है।सत्र के दौरान सरकार नागरिकता विधेयक, तीन तलाक विधेयक जैसे विवादास्पद विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी जिसे कई दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। नागरिकता विधेयक पर जेडीयू जैसे बीजेपी के सहयोगी दल एतराज जता चुके हैं। सरकार के एजेंडे में जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017 है जिसमें प्राक्सी के जरिये एनआरआई को मतदान करने की सुविधा प्रदान की बात कही गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक भी एजेंडे में है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं।
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