कॅरियर: आर्मी में मेजर कैसे बनें, 1 लाख सैलरी, अन्य….

इंडियन आर्मी में जाने को लेकर देश के युवाओं में गजब का उत्साह होता है। रैली भर्ती में शामिल होने के लिए लड़के गांव में रोज दौड़ने की प्रैक्टिस करते हैं। डिफेंस में लोग देशसेवा के लिए जाते हैं, आर्मी की वर्दी युवाओं को आकर्षित करती है। रक्षा सेवाओं में नौकरी पाने के लिए स्टूडेंट्स को NDA, CDS, AFCAT परीक्षाओं को क्लियर करना पड़ता है। Defense services में एक प्रतिष्ठित और चैलेंजिंग जॉब है। कैंडिडेट्स आप हाई स्कूल के बाद या ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद शामिल हो सकते हैं। इसमें सबसे चर्चित लेफ्टिनेन्ट और मेजर के पद होते हैं। आर्मी में मेजर बनना युवाओं को लुभाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर मेजर कौन होता है मेजर कैसे बनते हैं इसलिए आज हम डिफेंस से डुड़ी इस हाई प्रोफाइल जॉब की पूरी जानकारी लेकर आए हैं। इसमें परीक्षा, एग्जाम पैटर्न से लेकर सैलरी, सुविधाएं सब शामिल है-

<p>भारतीय सेना में मेजर बनने के&nbsp; लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) या कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस ज्वाइन करना होता है। नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) या कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस ज्वाइन करने के लिए कैंडिडेट्स को UPSC की साल में दो बार आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।</p>

“मेजर भारतीय सेना में सभी प्रतिष्ठित रैंक में से एक होती है। मेजर की रैंक लेफ्टिनेंट से दो रैंक उपर और कैप्टन से एक रैंक उपर होती है। मेजर सभी प्रकार की रणनीतिक भूमिकाओं के लिए उत्तरदायी होता है और एक मिलिट्री यूनिट का निर्देशन करता है। मेजर की भूमिका बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है क्योंकि उसकी यूनिट के सभी सोल्जर उसी के आदेशों का पालन करते हैं। इसलिए मेजर को बहुत तेज, इंटेलीजेंट और क्विक डिसिजन मेकर होना चाहिए।

<p>उम्मीदवार का चेस्ट (सीना) अच्छी प्रकार से विकसित होना चाहिए। चेस्ट 81 सेंटीमीटर से कम नहीं होना चाहिए। पूरी तरह सांस खींचने की दशा में न्यूनतम फुलाव 5 सेंटीमीटर होना चाहिए।हड्डियों या जोड़ों में किसी भी प्रकार का दोष नहीं होनी चाहिए या कार्य-क्षमता में कमी नहीं होनी चाहिए। उम्मीदवार को पूर्व में किसी भी प्रकार का मानसिक दौरा या स्वास्थ्य प्रभावित हुआ नहीं होना चाहिए। स्किन से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारी जिससे विकलांगता या शारीरिक बनावट में बदलाव हो सकता हो तो ये रिजेक्शन का कारण बन सकता है।</p>  <p>&nbsp;</p>  <p><br />
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भारतीय सेना में मेजर बनने के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) या कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस ज्वाइन करना होता है। नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) या कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस ज्वाइन करने के लिए कैंडिडेट्स को UPSC की साल में दो बार आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।

<p><strong>मेजर बनने देना होगा NDA का ये एग्जाम</strong></p>  <p>&nbsp;</p>  <p>यूपीएससी की NDA परीक्षा में दो विषय, गणित एवं सामान्य योग्यता परीक्षा होंगे और प्रत्येक विषय के लिए 2 ½ घंटे का समय निर्धारित होता है। गणित के लिए अधिकतम अंक 300 होते हैं और सामान्य योग्यता परीक्षा के लिए अधिकतम 600 अंक निर्धारित होता है। दोनों ही विषय के प्रश्न पत्रों में आब्जेक्टिव टाइप प्रश्न होते हैं।</p>  <p>&nbsp;</p>  <p>लिखित परीक्षा क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स को एसएसबी (सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड) के लिए लिए बुलाया जाता है। एसएसबी में दो चरण होते हैं - स्टेज I एवं स्टेज II. जो उम्मीवादर स्टेज I उत्तीर्ण होते हैं उन्हें ही स्टेज II की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है।</p>  <p>&nbsp;</p>

NDA के लिए मेजर बनने के लिए आवश्यक योग्यता:
उम्मीदवारों को किसी स्टेट एजूकेशन बोर्ड या यूनिवर्सिटी से 10+2 पैटर्न आधारित 12वीं कक्षा पास होना चाहिए.
आयु सीमा: आर्मी में जाने के लिए युवाओं को 18 साल की आयुसीमा के मानदंड पर खरा उतरना होता है। मेजर बनने की परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स की आयु 16-1/2 से 19 साल के बीच होनी चाहिए।

शारीरिक मानदंड: आर्मी में फिटनेस बेहद जरूरी है। कैंडिडेट्स को अच्छी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति में और किसी भी प्रकार की बीमारी /विकलांगता से मुक्त होना चाहिए। शारीरिक स्थिति, किसी भी प्रकार का डिफेक्ट या अंडरवेट नहीं होना चाहिए। ओवरवेट या मोटापे का शिकार भी नहीं होना चाहिए।

न्यूनतम उंचाई 157 सेंटीमीटर (162.5 सेंटीमीटर एयर फोर्स के लिए) है। गोरखा या भारत के नॉर्थ-ईस्टर्न, गढ़वाल और कुमाऊं रीजन के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम स्वीकार्य उंचाई 5 सेंटीमीटर कम भी हो सकती है। लक्षद्वीप क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम स्वीकार्य उंचाई 2 सेंटीमीटर तक कम हो सकती है।

उम्मीदवार का चेस्ट (सीना) अच्छी प्रकार से विकसित होना चाहिए। चेस्ट 81 सेंटीमीटर से कम नहीं होना चाहिए। पूरी तरह सांस खींचने की दशा में न्यूनतम फुलाव 5 सेंटीमीटर होना चाहिए।हड्डियों या जोड़ों में किसी भी प्रकार का दोष नहीं होनी चाहिए या कार्य-क्षमता में कमी नहीं होनी चाहिए। उम्मीदवार को पूर्व में किसी भी प्रकार का मानसिक दौरा या स्वास्थ्य प्रभावित हुआ नहीं होना चाहिए। स्किन से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारी जिससे विकलांगता या शारीरिक बनावट में बदलाव हो सकता हो तो ये रिजेक्शन का कारण बन सकता है।

“डिस्टेंस वीजन (करेक्टेड) अच्छे आंख की दशा में 6/6 और खराब आंख की दशा में 6/9 होना चाहिए। मायोपिया 2.5 डी से अधिक नहीं होना चाहिए और हाइपरमेट्रोपिया ऑस्टीग्मैटिज्म समेत 3.5 डी से अधिक नहीं होना चाहिए। प्राकृतिक एवं स्वस्थ पूरे दांत होने चाहिए। न्यूनतम 14 दांत स्वीकार्य हैं। कुल 32 दांतों की दशा में कुल 22 डेंटल प्वाइंट मिलते हैं। दांतों की बीमारी पाइरिया नहीं होना चाहिए।
कैंडिडेट की सुनने की क्षमता सामान्य होनी चाहिए। किसी शांत कमरे में 610 सेंटीमीटर की दूसरी प्रत्येक कान से ‘फोर्स्ड व्हीस्पर’ सुनने में सक्षम होना चाहिए।

“मेजर बनने देना होगा NDA का ये एग्जाम
यूपीएससी की NDA परीक्षा में दो विषय, गणित एवं सामान्य योग्यता परीक्षा होंगे और प्रत्येक विषय के लिए 2 ½ घंटे का समय निर्धारित होता है। गणित के लिए अधिकतम अंक 300 होते हैं और सामान्य योग्यता परीक्षा के लिए अधिकतम 600 अंक निर्धारित होता है। दोनों ही विषय के प्रश्न पत्रों में आब्जेक्टिव टाइप प्रश्न होते हैं।

लिखित परीक्षा क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स को एसएसबी (सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड) के लिए लिए बुलाया जाता है। एसएसबी में दो चरण होते हैं – स्टेज I एवं स्टेज II. जो उम्मीवादर स्टेज I उत्तीर्ण होते हैं उन्हें ही स्टेज II की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है।
मेजर सैलरी और अन्य सुविधाएं :

ऑर्मी ऑफिशियल का वेतमान पे-बैंड के आधार पर निर्धारित होता है। हर कर्मचारी का वेतनमान पद एवं ग्रेड के अनुसार निर्धारित होता है। मेजर हाई लेवल अधिकारी होता है इसलिए इनका वेतनमान 15,600-39100 के बीच होता है। इस पद के लिए ग्रेड पे रु. 6600 है और मिलिट्री सर्विस का ग्रेड पे रु. 6000 है. कुल वेतनमान लगभग रु. 1,00,000 होता है।

मेजर को मिलने वाले अन्य भत्तों में ट्रांसपोर्ट एलाउंसेस, हाउस रेंट एलाउंस (यदि आवंटित क्वार्टर में नहीं रहता हो), डीयरनेस एलाउंस, टेक पे शामिल होते हैं। मेजर को पदोन्नति के विभिन्न अवसर आपको मिलते हैं। इसके अंतर्गत मुफ्त राशन भत्ता, वर्दी और बच्चों की पढ़ाई के लिए भत्ता दिया जायेगा। सभी प्रकार के भत्तों के लिए निश्चित नियम एवं शर्ते होती हैं और क्षेत्र व परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग होते हैं।

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