लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले मचे एग्जिट पोल के शोर के बीच अचानक ईवीएम की सुरक्षा को लेकर प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के नेता आशंकित नजर आने लगे। सोमवार को मथुरा पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि यह भाजपा है, कुछ भी कर सकती है। एक्जिट पोल के हल्ले के बीच ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। मंडी समिति परिसर में जहां स्ट्रांग रूम बनाया गया है, वहां की सुरक्षा के बारे में अफसरों से जानकारी भी ली गई। खुद डीएम और एसएसपी भी मंडी समिति पहुंच गए। मथुरा लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को चुनाव हुआ था। मतदान के बाद सभी 2014 ईवीएम को मंडी समिति में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखवा दिया गया।
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा केंद्रीय सुरक्षा बलों के हवाले है। चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। इतनी कड़ी सुरक्षा है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता, लेकिन एक्जिट पोल के बाद सभी को ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगी। मथुरा में इसका असर साफ देखने को मिला।
राज बब्बर ने कांग्रेस के नेताओं को अलर्ट किया
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि हो सकता है भाजपा अपने पक्ष में एग्जिट पोल कराकर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करा दे। लिहाजा कांग्रेस के सभी नेताओं से कहा गया है कि वो ध्यान रखें। जहां भी मतगणना होनी है वहां पूरी मुस्तैदी दिखाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सभी लोग वहां भी नियमित राउंड लेते रहें जहां ईवीएम को रखा गया है। मथुरा पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अमर उजाला के साथ बातचीत में कहा कि एक्जिट पोल पर बहुत अधिक विश्वास नहीं किया जा सकता है। कई दफा यह पोल झूठे साबित हो चुके हैं। उनका कहना है कि 23 मई को मतगणना के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी।
महागठबंधन के रालोद प्रत्याशी कुंवर नरेंद्र सिंह ने बताया कि एक्जिट पोल ढकोसला है। इसकी आड़ में कोई खेल हो सकता है लिहाजा वह लोग पूरी तरह से सतर्क हैं। जनता हमारे साथ है और हम जीतेंगे। सियासी लोगों ने अफसरों से भी कहा कि वो निगहबानी बढ़ा दें।
मतगणना स्थल पर नहीं मिलेगा जनप्रतिनिधियों को प्रवेश
मतगणना स्थल पर किसी भी मंत्री, विधायक या फिर किसी भी दूसरे जनप्रतिनिधि को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा पहले ही गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने कहा कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।
ईवीएम में मथुरा सीट के 13 प्रत्याशियों की किस्मत कैद है। जब तक ईवीएम नहीं खुल जाती तब तक सभी के अपने अपने दावे हैं। हालांकि मतदान वाले दिन जो रुझान आए थे उसमें भाजपा और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला था। कुछ जगहों पर कांग्रेस ने भी अपना दम भरा था। इस लोकसभा चुनाव में किसे क्या मिला यह तो 23 को ही तय होगा।
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