बहराइच हिंसा में युवक की मौत के बाद बवाल, टकराव की आशंका

उत्तर प्रदेश के बहराइच में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान युवक की मौत पर बवाल बढ़ता जा रहा है। लगभग पांच हजार लोग चारपाई में शव लेकर तहसील महसी में धरना प्रदर्शन के लिए निकल गए हैं। धरने के लिए जा रहे लोगों के हाथ में लाठी-डंडे भी हैं और पुलिस बल की संख्या बेहद कम है। ऐसे में टकराव की आशंका बढ़ गई है।

बहराइच जिले के महाराजगंज बाजार में रविवार को विसर्जन के दौरान पथराव और आगजनी के बाद गोली कांड में युवक की मौत हो गई थी। राम गांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव की दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में पथराव और आगजनी हुई थी। इसके बाद योगी सरकार एक्शन में आई और लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही बहराइच की सीमाएं सील कर दी गई हैं। बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है ताकि यहां आने-जाने वाले वाहनों की जांच की जा सके और किसी अराजक तत्व को जिले में प्रवेश न मिले। मामला शांत होने तक जिले की सीमाओं पर पुलिस तैनात रह सकती है।

रेहुआ मसूर गांव के लोग मां दुर्गा की प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए जा रहे थे। इस बीच दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने डीजे की तेज आवाज को लेकर शिकायत की और तनाव बढ़ गया। मामला बढ़ने पर पत्थरबाजी होने लगी और आगजनी भी हुई। इस दौरान पुलिसकर्मी हालात काबू में नहीं कर सके और हालात बिगड़ते गए। पत्थरबाजी और आगजनी के बाद गोलीबारी भी हुई, जिसमें 22 साल के राम गोपाल मिश्रा घायल हुए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। राम गोपाल की मौत के बाद मामला और बढ़ गया है। हजारों की संख्या में गांव के लोग उनका शव लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथ में लाठी-डंडे भी हैं। उन्होंने अस्पताल और शो रूम में आगजनी की है। घरों को भी आग के हवाले किया गया है और कारों में भी आग लगाई गई है।

धरना प्रदर्शन के लिए निकले लोगों की तुलना में पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। लिहाजा पुलिस हालात को काबू करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, इस मामले में 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और एफआईआर भी हो चुकी है, जिसमें छह नामजद आरोपी हैं। योगी आदित्यनाथ ने हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कहते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

 

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