106 दिन बाद चिदंबरम को मिली जमानत, माननी होगी सुप्रीम कोर्ट की ये शर्तें

नई दिल्ली. आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. चिदंबरम ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 15 नवंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.
कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के बॉन्ड और इतने ही रकम के दो हलफनामे पर जमानत दी है.

कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि जमानत मिलने के बाद भी चिदंबरम बिना कोर्ट की इजाजत के विदेश नहीं जा सकेंगे. अदालत ने चिदंबरम को यह भी हिदायत दी है कि वो केस से जुड़े किसी गवाह से संपर्क न करें और न ही सार्वजनिक रूप से कोई भाषण दें.

इससे पहले जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश राय की बेंच ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को सभी दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया था.

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दावा किया था कि पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में होने के बावजूद महत्वपूर्ण गवाहों पर अपना ‘प्रभाव’ रखते हैं. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान निदेशालय ने 12 बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें इस अपराध से मिली रकम जमा की गई और एजेंसी के पास ऐसी 12 संपत्तियों का भी ब्योरा है, जिन्हें कई दूसरे देशों में खरीदा गया है.

क्या है मामला?
बता दें सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप था कि 2007 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमित्तायें हुईं. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.

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