
यूनिक समय, नई दिल्ली। असम में बाल विवाह की प्रथा को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि वर्ष 2026 तक असम को बाल विवाह से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा जारी प्रयासों और कानूनी कार्रवाई के चलते बाल विवाह के मामलों में बड़ी गिरावट देखी गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 से 2023-24 के बीच असम के 35 में से 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81% की कमी दर्ज की गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के दौरान साझा की।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में असम सरकार की बाल विवाह विरोधी मुहिम की जमकर सराहना हुई। प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राज्य सरकार के प्रयासों की तारीफ की।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य NDA शासित राज्यों से अपील की कि वे भी इस प्रथा को समाप्त करने के लिए असम मॉडल को अपनाएं। उन्होंने अधिकारियों को असम जाकर इस अभियान को नजदीक से देखने और उससे सीखने का सुझाव भी दिया।
इसके अतिरिक्त, सम्मेलन में जल संरक्षण, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, खेल और शिकायत निवारण जैसे क्षेत्रों में किए गए प्रभावी कार्यों पर भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री सरमा ने दोहराया कि यह प्रथा सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और 2026 तक इसका पूरी तरह उन्मूलन सुनिश्चित किया जाएगा।
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