नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के डॉक्टर्स की हड़ताल का असर देशभर में दिखाई दे रहा है। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में डॉक्टरों का प्रदर्शन और हड़ताल जारी है. डॉक्टर्स इस बात पर अड़े हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एनआरएस मेडिकल कॉलेज आकर उनकी समस्याओं को सुनें. केंद्र ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और वहां चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर राज्य सरकार से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है. राज्य में पिछले चार बरसों में राजनीतिक हिंसा में लगभग 160 लोग मारे गए हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर और दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए इस तरह की घटनाओं की जांच के संबंध में राज्य सरकार से एक रिपोर्ट मांगी गई है. अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की चल रही हड़ताल पर भी एक अन्य विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.
ममता ने भी मीटिंग बुलाई
बता दें कि हड़ताल ख़त्म नहीं होने के चलते शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में अडिश्नल चीफ सेक्रेटरी (स्वास्थ्य) राजीव सिन्हा भी पहुंचे हैं. राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल पर कैसे काबू पाया जाए और मेडिकल सेवाओं को कैसे बहाल किया जाए, इसी को लेकर सीएम ममता करने वाली हैं.
मिलने जा सकतीं हैं ममता
इस बीच खबर आ रही है कि ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की बात मान ली है और वह घायल डॉक्टर्स से मिलने अस्पताल जा सकती हैं. इससे पहले घायल डॉक्टरों के परिजनों ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अस्पताल आना चाहिए. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया गया है. परिजनों ने कहा कि इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है, राज्य में 200 से ज्यादा ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. इन्हें रोकने के लिए सरकार को सख्त उठाने चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
इससे पहले शुक्रवार को सीएम ममता बनर्जी ने सभी डॉक्टरों से वापस काम पर लौटने की अपील थी. सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से एनआरएस मेडिकल कॉलेज के आंदोलनकारी डॉक्टरों को बातचीत का प्रस्ताव आया था. डॉक्टरों से कहा गया था कि वे राज्य सचिवालय में आकर सीएम से मुलाकात करें. लेकिन डॉक्टर्स ने इससे मना कर दिया. बल्कि डॉक्टरों ने सीएम ममता के सामने 6 शर्तें रखी.
डॉक्टर्स ने रखीं ये 6 शर्तें
डॉक्टरों ने पहली शर्त रखी है कि सीएम ममता बनर्जी को हमला करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का सबूत देना होगा.
डॉक्टर्स ने दूसरी शर्त रखी है कि जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे केस और अन्य आरोपों को वापस लेना होगा.
सीएम ममता बनर्जी को हॉस्पिटल आकर घायल डॉक्टरों से मिलना होगा. सीएम ऑफिस को इस हमले की निंदा करनी होगी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बिना शर्त पूरे मामले के लिए माफ़ी मांगनी होगी.
डॉक्टर अरिंदम दत्ता के मुताबिक पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करानी होगी.
डॉक्टरों ने सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ बुनियादी ढांचे में सुधार की भी मांग की, जिसमें सशस्त्र पुलिस कर्मियों की पोस्टिंग भी शामिल है.
क्या था मामला?
दरअसल, 10 जन को नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. इससे गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर्स से बदसलूकी कर दी. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक परिजन उसे माफी नहीं मांगते तब तक वो प्रमाण पत्र नहीं देंगे. इसके बाद इम मामले में हिंसा भड़क गई और कुछ लोगों ने हथियारों से हॉस्टल में हमला कर दिया. इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि कई और को भी चोटें आईं.
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