CM मनोहर लाल खट्टर ने ये बताया हरियाणा में बहुमत से क्यों दूर रह गई BJP

नई दिल्ली- जैसे-जैसे समय गुजर रहा है राजनीतिक दल हरियाणा में आए चुनावी नतीजों का अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण कर रहे हैं। कुछ इसी तरह का लेखा-जोखा सत्ताधारी बीजेपी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी किए हैं, जिसमें उन्हें कुछ कारणों का पता चला है, जिसने उनकी पार्टी को मैजिक फिगर पार करने से रोक दिया। उनके मुताबिक इसमें सबसे बड़ा कारण तो ये है कि इसबार राज्य में मतदान पिछली बार की तुलना में कम हुआ है। इसके अलावा जिस दिन वोट डाले गए उस दिन एक त्यौहार होने की वजह से काफी संख्या में महिला मतदाता वोट देने के लिए नहीं जा सकीं। यही नहीं उनका मानना है कि वोटिंग से पहले छुट्टियां होने के चलते भी शहरी इलाकों में कम वोट पड़े जिसके चलते भाजपा की सीटें कम हो गईं, जबकि इसबार पार्टी को 2014 के मुकाबले कहीं ज्यादा वोट मिले हैं।



 

बीजेपी की सीटें घटीं, लेकिन इन मोर्चे पर बेहतर रहा प्रदर्शन

बीजेपी को इसबार हरियाणा में 2014 के मुकाबले 7 सीटें कम मिली हैं। लेकिन, दो मोर्चों पर उसका प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले काफी बेहतर रहा है। पिछली बार उसके एक दर्जन उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हुई थीं, लेकिन इसबार यह संख्या सिर्फ 3 रही है; और दूसरा राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर उसे 20,000 से ज्यादा वोट मिले हैं। यानि जहां उसके उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हुई हैं, वहां भी उन्हें 20,000 से अधिक वोट मिले हैं। खास बात ये है कि पृथला, पुंडरी और रानिया विधानसभाओं में जहां भाजपा के प्रत्याशियों ने अपनी जमानतें गंवाईं हैं, वहां निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते हैं, जिसमें पृथला और पुंडरी से भाजपा के ही बागी क्रमश: नारायण पाल रावत और रंधीर सिंह चुनाव जीते हैं, जिन्हें पार्टी ने टिकट देने से मना कर दिया था। आज ये तीनों विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं।



सीएम खट्टर ने बताया कि क्यों घट गईं सीटें ?

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुताबिक भाजपा के अपने दम पर जादुई आंकड़े नहीं छू पाने की सबसे बड़ी वजह ये रही है कि इसबार के चुनाव में मतदान का प्रतिशत 2014 के मुकाबले 8 फीसदी गिर गया। उन्होंने सोमवार को अपने चुनाव क्षेत्र करनाल में कहा कि ‘मतदान दो दिनों की छुट्टी के बाद सोमवार को था और शहरी इलाकों में कम वोट पड़े। एक त्यौहार के कारण उस दिन बहुत सारी महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकलीं।’ यानि भाजपा को लगता है कि ये स्थितियां पैदा नहीं होतीं तो वह कुछ और सीटें ला सकती थी। बता दें कि 21 अक्टूबर को वोटिंग के दिन अहोई अष्टमी का त्यौहार था, जिस दिन आमतौर पर महिलाएं उपवास रखती हैं।



 

भाजपा को 2014 से ज्यादा वोट मिले

तथ्य ये है कि हरियाणा में ज्यादातर शहरी इलाकों में इसबार मतदान का प्रतिशत कम रहा। फिर भी भारतीय जनता पार्टी को 2014 के 41 लाख वोटों के मुकाबले इसबार के चुनाव में 46 लाख वोट प्राप्त हुए। जबकि, पार्टी का वोट शेयर पिछली बार के 33.2% से बढ़कर 36.5% तक पहुंच गया। वहीं, दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस ने इसबार 35 लाख और तीसरे स्थान पर जननायक जनता पार्टी को कुल 19 लाख वोट मिले हैं। कांग्रेस को इस चुनाव में 28% वोट मिले हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*