कांग्रेस नेता का महाराज पर हमला, शिवराज कैबिनेट का हुआ विस्तार

नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सरकार ने कैबिनेट का विस्तार किया. सरकार गठन के का मंगलवार को गठन हुआ. मंत्रिमंडल में बीजेपी खेमे से तीन और कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के दो करीबियों ने शपथ ली. मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों से साधने की पूरी कोशिश की गई है. इधर, कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला. उमंग सिंघार ने ट्वीट किया, ‘सिंधिया कोटे के दो मंत्री बनाकर भाजपा ने यह तो स्पष्ट कर दिया कि सिंधिया के 10 मंत्री तो  नहीं बनेंगे, देखते हैं सिंधिया अपनी रियासत कितनी बचा पाते हैं? सिंधिया जी यह भाजपा हैं

उधर, मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला. एमपी कांग्रेस के हैंडल से ट्ववीट किया गया, ‘ये मंत्रिमंडल नहीं, लोकतंत्र की नीलामी है. इंदौर में जनता द्वारा चुने गये बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला, ऊषा ठाकुर और महेन्द्र हार्डिया को मंत्री नहीं बनाया गया. जो विधायक नहीं है, जिसने जनमत का सौदा किया है, जो लोकतंत्र पर एक दाग है…उसे मंत्री बनाया गया है. ‘शर्म करो शिवराज’

मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों से साधने की पूरी कोशिश की गई है.  बीजेपी से वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा जो ग्वालियर चंबल संभाग और सवर्ण वर्ग से आते हैं, मीना सिंह आदिवासी बहुल इलाके उमरिया जिले के मानपुर से विधायक हैं, एक वक्त पर बगावती तेवर अपना चुके कमल पटेल हरदा से विधायक हैं ओबीसी वर्ग से आते हैं.  सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं और अलावा मालवा के अनुसूचित जाति के बड़े  नेता हैं. इसके अलावा गोविंद सिंह राजपूत बुंदेलखंड से आते हैं पिछली सरकार में परिवहन और राजस्व का जिम्मा था.

शपथ ग्रहण के बाद नरोत्तम मिश्रा ने केंद्रीय नेतृत्व और सीएम शिवराज को धन्यवाद दिया और कहा उन्हें एक दर्जन विभागों का अनुभव है , जो भी विभाग मिलेगा ईमानदारी से काम करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना के चलते छोटे मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज टीम मोदी के रूप में काम कर रहे थे, अब हम टीम शिवराज के नेतृत्व में काम करेंगे. हालांकि राज्य में सबसे वरिष्ठ विधायक और लगातार 15 साल मंत्री रहे पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को पहले चरण में जगह नहीं मिलने से विधायकों की नाराजगी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*