कोरोना कालः युवा उद्यमी ने दिखाया दम, स्पोर्ट्स शू फैक्ट्री खोलकर दे रहा युवाओं को रोजगार!

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक उद्यमी अभिमन्यु महाजन ने कोरोनाकाल में भी कमाल कर दिया। इस उद्यमी ने कोरोनाकाल में स्पोर्ट्स जूते की फैक्ट्री शुरू कर तकरीबन 100 युवाओं को रोजगार दिया है. इस फैक्ट्री में यूपी के ऐसे मजदूर भी काम करते हैं, जो अभी तक रोजगार की तलाश में मुम्बई की ओर रुख करते रहे. ये मजदूर योगी सरकार और उद्यमी का धन्यवाद दे रहे हैं कि कोरोनाकाल में उन्हें अपने ही प्रदेश में रोजगार मिल गया।

मेरठ के उद्यमी और युवाओं ने मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को साकार करके दिखा दिया. दरअसल उद्यमी ने प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजना से मदद ली और फिर उनकी गाड़ी चल पड़ी. इस उद्यमी ने सरकार की मदद से वो करके दिखा दिया जो अभी तक उनके लिए सपने जैसा ही था. ओडीओपी योजना ने उनके सपने को हकीकत में तब्दील कर दिया. इस उद्यमी ने वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत सरकार से मदद ली और फिर शुरु कर दी अपनी स्पोर्ट्स शू फैक्ट्री. इस फैक्ट्री में अब तक ये उद्यमी तकरीबन सौ लोगों को रोजगार दे चुके हैं।

सीएम योगी को दे रहे धन्यवाद
उद्यमी का कहना है कि ये सब योगी सरकार की बदौलत ही संभव हो सका है. स्पोर्ट्स शू फैक्ट्री खोलने वाले अभिमन्यु महाजन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस सबके लिए धन्यवाद दे रहे हैं. मेरठ के गंगानगर क्षेत्र के सिखेड़ा मामूपुर रोड़ पर स्पो्ट्स शू फैक्ट्री खोलने वाले अभिमन्यु महाजन का कहना है कि शुरुआत में उनका लक्ष्य रोजाना 500 जोड़ी जूते बनाना होगा।

यूपी में ही रोजगार पाकर प्रवासी कामगार खुश
कोरोनाकाल में अपने ही प्रदेश में रोजगार पाकर युवाओं के चेहरे खिल गए हैं. कोई वाराणसी से कोई गोंडा से तो कोई बस्ती से आकर इस फैक्ट्री में नौकरी कर रहा है. इन युवाओं का कहना है कि अभी तक ऐसे ही काम के लिए उन्हें मुम्बई और दूसरे राज्यों की ओर रुख करना पड़ता था. लेकिन अब यूपी के यूपी में ही उन्हें नौकरी मिल रही है. इससे बेहतर भला और क्या हो सकता है।

विदेशों में सप्लाई होना है जूता
इस स्पोर्ट्स शू फैक्ट्री में बना जूता देश और विदेश जाएगा. श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल सहित अन्य कई देशों में यहां का बना हुआ जूता सप्लाई होगा. फैक्ट्री मालिक का कहना है उनका लक्ष्य रोजाना पांच सौ जोड़ी जूते बनाने का है. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें पैंतालिस लाख रुपए की मदद मिली है. इसी मदद की वजह से उनका सपना साकार हो सका है. कोरनाकाल में सरकार की ओडीओपी योजना उद्यमी और युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है।

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