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नई दिल्ली। वर्ल्ड कप 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में महेंद्र सिंह धोनी के बलिदान बैज वाले विकेटकीपिंग ग्लव्स पहनने का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भले ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड की अपील पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी को ये ग्लव्स पहनने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन बीसीसीआई और प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इस मामले में अभी हार नहीं मानी है।
बीसीसीआई और सीओए ने अब इस मामले में आईसीसी को मनाने का फैसला किया है. इसके लिए बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी शनिवार को लंदन पहुंच गए हैं. यहां वह आईसीसी के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर धोनी को बलिदान बैज वाले ग्लव्स पहनने की अनुमति देने को राजी करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले आईसीसी के अधिकारियों से मिलेंगे
आईसीसी अधिकारियों से जौहरी की यह मुलाकात ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को होने वाले टीम इंडिया के मैच से पहले होगी. सीओए के सदस्य ले. जनरल (रिटायर्ड) रवि थोडगे ने शनिवार को क्रिकेटनेक्सट को बताया कि हमें इस मामले में आईसीसी का जवाब मिल गया है. उन्होंने कहा, जैसा कि सीओए चेयरमैन विनोद राय ने मीटिंग के बाद कहा कि जौहरी आईसीसी अधिकारियों से मिलकर भारत का पक्ष रखेंगे ताकि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।
माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने जिन तथ्यों को गिनाते हुए आईसीसी को मेल किया था, उन्हीं बातों को जौरी व्यक्तिगत रूप से जाकर आईसीसी अधिकारियों से साझा करेंगे. बीसीसीआई का अब भी मानना है कि बलिदान बैज वाले ग्लव्स से किसी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं हो रहा है. यह न तो किसी धर्म से जुड़ा है और न ही इसका कोई कमर्शियल महत्व है. आईसीसी ने शुक्रवार को ही बीसीसीआई को जवाबी मेल कर धोनी को ये ग्लव्स पहनने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. आईसीसी के बयान में कहा गया था कि धोनी के बलिदान बैज वाले ग्लव्स खेल के उपकरणों पर किसी तरह का संदेश न होने के नियम का उल्लंघन करते हैं. साथ ही ये विकेटकीपर के ग्लव्स से जुड़े नियमों को भी तोड़ते हैं.
फिर ग्लव्स पहने तो मिलेगी ये सजा
धोनी अगर रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में ‘बलिदान’ निशान वाले ग्लव्स पहनते हैं तो उन्हें फटकार लगाई जा सकती है. जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर इसके बाद भी वे इन ग्लव्स को पहनना जारी रखते हैं तो उनकी 25 प्रतिशत मैच फीस काटी जा सकती है. तीसरी बार भी यह कदम उठाने पर 50 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना और चौथी बार में ऐसा हुआ तो 75 फीसदी मैच फीस काटी जाएगी.
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