
नई दिल्ली। कुछ दिन पहले अमेरिकी अधिकारियों द्वारा बड़े हैंकिंग कैंपेन के खुलासे के बाद अब माइक्रोसॉफ्ट ने भी इससे जुड़ी एक अहम जानकारी दी है। टेक्नोलॉजी की दुनिया की इस दिग्गज कंपनी का दावा है कि उसके सिस्टम में भी इस हैंकिंग से जुड़े खतरनाक सॉफ्टवेयर्स पाए गए हैं. रेडमंड नाम की वॉशिंगटन की एक कंपनी व्तपवद सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है। नेटवर्किंग मैनेजमेंट के लिए इस सॉफ्टवेयर से काम किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने वाली कंपनी का नाम ैवसंतॅपदके ब्वतच है. अमेरिका एजेंसियों समेत कईयों पर रूस द्वारा संभावित साइबर अटैक में इस कंपनी का भी इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, के अन्य ग्राहकों की तरह ही हम भी ऐसे इंडिकेटर्स पर नजर बनाये हुए हैं और हमने अपने सिस्टम में बाइनरीज की मौजूदगी दर्ज की है. हमने इसे अपने सिस्टम से हटा दिया है.श् हालांकि, कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके सिस्टम की मदद से किसी भी साइबर अटैक को अंजाम नहीं दिया गया है।
अभी भी जांच में जुटी एजेंसियां
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से लिखा है कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया है कि इस अटैक में माइकक्रोसॉफ्ट का सहारा नहीं लिया गया है. वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग इस मामले की जांच में जुटे हैं।
अमेरिका के एनर्जी विभाग ने भी दावा किया है कि उसके पास सबूत है कि हैकर्स ने कैसे और किस कैंपेन के जरिए उसके नेटर्वक को एक्सेस किया है. सीआईएसए ने जाचंकर्ताओं से कहा है कि वो अगर किसी ने ैवसंतॅपदके सॉफ्टवेयर का नया वर्जन इस्तेमाल किया है तो इसका मतलब यह नहीं कि वो सुरक्षित हैं. जांजकर्ताओ ने यह भी कहा कि हैकर्स ने उन सभी नेटवर्क का नुकसान नहीं किया है, जहां तक उनकी पहुंच है।
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