महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता पर फैसला शाम 4 बजे

मुंबई — महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर आज यानी 10 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर फैसला लेंगे। जानकारी के मुताबिक फैसला शाम 4 बजे आने की संभावना है। फैसले से पहले CM एकनाथ शिंदे ने कहा- बहुमत हमारे साथ है, हम शिवसेना हैं। चुनाव आयोग ने हमें शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न दिया है।

इससे पहले बुधवार सुबह उद्धव गुट के सांसद संजय राउत और स्पीकर के बीच तीखी बयानबाजी हुई। राउत ने कहा कि फैसले पर मैच फिक्सिंग हुई है। स्पीकर दो बार आरोपियों से मिल चुके हैं। शुक्रवार को PM मोदी महाराष्ट्र में रहेंगे, कुछ दिन बाद शिंदे दावोस जाएंगे, इसका मतलब सरकार कायम रहेगी। आज का फैसला बस औपचारिकता है। विधायकों की अयोग्यता पर फैसला दिल्ली से हो चुका है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- ECI ने हमें संकेत और प्रतीक दिया है  हमारे पास राज्य विधानसभा में 75% का बहुमत है लेकिन कुछ लोग मैच फिक्सिंग का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने स्पीकर के साथ भोजन भी किया था लेकिन हमने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया। स्पीकर भी एक विधायक हैं। जिस बैठक की बात हो रही है वह आधिकारिक थी और यह खुली रोशनी में है।

शिंदे ने कहा कि चाहे मामला HC हो या SC में, वे (राउत) इस पर टिप्पणी करते रहते हैं। निर्णय योग्यता के आधार पर होना होगा, क्योंकि हम योग्यता के आधार पर बने हैं। SC और ECI ने हमारे पक्ष में आदेश दिया है। अब पूर्व सीएम ने इस्तीफा दे दिया है और हम बहुमत की सरकार हैं। हमने राज्यपाल के निमंत्रण के बाद सरकार बनाई है।
CM ने कहा- उन्होंने जमीन खो दी है क्योंकि सरकार ठीक से काम कर रही है और लोगों के लिए काम कर रही है। आज भी हमारा व्हिप लागू है। हमारे पास राज्य विधानसभा और लोकसभा में भी बहुमत है।

मंगलवार को दोनों डिप्टी CM फडणवीस और अजित पवार ने CM एकनाथ शिंदे के वर्षा बंगले पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी। CM के बंगले पर हुई बैठक में महाराष्ट्र की नई DGP रश्मि शुक्ला और मुंबई पुलिस कमिश्नर भी मौजूद थे।
फडणवीस ने मंगलवार (9 जनवरी) को कहा था कि स्पीकर का चाहे जो भी फैसला हो, हमारी सरकार स्थिर रहेगी। हमारा अलायंस कानूनी रूप से वैध है और हमें उम्मीद है कि स्पीकर का फैसला भी हमारे पक्ष में ही आएगा।

स्पीकर नार्वेकर के फैसला सुनाने की डेडलाइन से पहले उनकी महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे से मुलाकात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जज ने आरोपियों से दो बार मुलाकात की, इससे जनता समझ चुकी है कि कल फैसला क्या होगा।
एकनाथ शिंदे ने 7 जनवरी 2024 को ‘वर्षा’ बंगले पर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। इससे पहले 18 अक्टूबर 2023 को दोनों के बीच एक मीटिंग हुई थी।

14 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए राहुल नार्वेकर को 10 दिन का समय दिया था। नार्वेकर को पहले 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने डेडलाइन बढ़ाकर 10 जनवरी 2024 कर दी।
शिवसेना (उद्धव गुट) ने पार्टी तोड़कर जाने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले में जल्द फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान नार्वेकर ने कोर्ट को बताया था कि विधायकों की अयोग्यता को लेकर 2 लाख 71 हजार से अधिक पन्नों के डॉक्यूमेंट्स दाखिल किए गए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र भी चल रहा है। इसलिए फैसला लेने के लिए 3 हफ्ते का समय लगेगा।

स्पीकर नार्वेकर की दलील पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि विधानसभा स्पीकर ने फैसले में देरी के जो कारण बताए हैं, वो वाजिब हैं। हम अध्यक्ष को फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी तक का समय देते हैं।
16 विधायकों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, संजय शिरसाट, तानाजी सावंत, यामिनी जाधव, चिमनराव पाटिल, भरत गोगवे, लता सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, बालाजी किनिकर, अनिल बाबर, महेश शिंदे, संजय रायमुलकर, रमेश बोरनारे और बालाजी कल्याणकर का नाम है।

मुख्यमंत्री शिंदे को तुरंत इस्तीफा देना होगा। तकनीकी तौर पर सरकार गिर जाएगी। हालांकि अजित पवार के NCP गुट के पास बहुमत से ज्यादा विधायक होने के कारण महायुति सरकार दोबारा आएगी, लेकिन मुख्यमंत्री कोई और होगा। अयोग्य ठहराए गए शिंदे दोबारा शपथ नहीं ले पाएंगे।
शिंदे की सरकार कायम रहेगी। ठाकरे समूह ने पहले 16 विधायकों और बाद में 24 विधायकों को नोटिस जारी किया था। इसलिए यह फैसला सभी 40 विधायकों पर लागू होगा। अजित पवार गुट के विधायक अयोग्यता मामले में भी इसी तर्ज पर फैसला आने की संभावना है।

वकील सिद्धार्थ शिंदे ने कहा कि दोनों गुटों के पास एक-दूसरे के खिलाफ याचिकाएं हैं, इसलिए अगर शिंदे समूह योग्य है, तो ठाकरे समूह अयोग्य हो जाएगा, और अगर शिंदे अयोग्य हो जाता है, तो ठाकरे के विधायक योग्य माने जाएंगे। विधानसभा भंग होने तक अयोग्य विधायकों के पद भी रद्द किए जाएंगे।

ये विधायक 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ठाकरे या शिंदे गुट को विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय स्वीकार्य नहीं है, तो दोनों समूह 30 दिन के अंदर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। अगर कोर्ट इस फैसले पर रोक लगाता है तो याचिकाकर्ताओं को राहत मिलेगी, लेकिन राष्ट्रपति के फैसले पर रोक लगवाना भी चुनौतीपूर्ण है।
कोर्ट ने साफ किया था कि शिंदे ग्रुप के व्हिप भरत गोगावले की नियुक्ति अवैध थी। अब अगर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिंदे गुट को वैध बनाना चाहते हैं तो उन्हें गोगावले के व्हिप को वैध बनाना होगा। इसलिए यह जरूरी है कि वे इसे कानूनी दायरे में रखकर सरकार को उसके मनमुताबिक फैसला देते हैं या ठाकरे की मांग को स्वीकार करते हैं।

 

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