
यूनिक समय, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के दौरे के दौरान भारत की समुद्री ताकत और आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति को लेकर पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना भले ही ‘साइलेंट सर्विस’ मानी जाती हो, लेकिन इसकी शक्ति को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने नौसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “जो सेना खामोशी के साथ भी दुश्मन को नियंत्रित कर सकती है, उसकी सक्रियता का प्रभाव क्या होगा, यह दुनिया जानती है। इस बार नौसेना की ताकत का सीधा इस्तेमाल नहीं हुआ, लेकिन अगली बार कार्रवाई की शुरुआत भी नौसेना के हाथों हो सकती है।”
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को यह साफ संदेश दिया कि आतंकवाद को समर्थन देने की उसकी नीति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खेल का समय अब खत्म हो चुका है और अगर पाकिस्तान ने फिर से कोई हरकत की, तो उसे कड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
पाकिस्तान द्वारा बार-बार की जा रही बातचीत की पेशकश पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान को वाकई बातचीत में दिलचस्पी है, तो उसे पहले आतंकवादियों जैसे हाफिज सईद और मसूद अज़हर को भारत को सौंपना होगा।
उन्होंने भारतीय नौसेना की शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारी नौसेना शांत समंदर की तरह प्रतीत हो सकती है, लेकिन जब जरूरत पड़े तो वह उसी समंदर जैसी प्रचंड शक्ति भी दिखा सकती है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उल्लेख करते हुए नौसैनिकों के हौसले की सराहना की।
INS विक्रांत पर दिया गया यह बयान न केवल नौसेना के मनोबल को ऊंचा करने वाला है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक तैयारियों और सुरक्षा नीति की दिशा भी स्पष्ट करता है।
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