
नई दिल्ली। राजधानी में अब कोरोना के नित्य नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं इन वहीं इन संक्रमित बच्चों में ज्यादातर स्कूल जाने वाले बच्चे शामिल हैं। लिहाजा अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। हाल ही में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए डेटा में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिससे अभिभावक दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से दिल्ली के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को बंद करने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल ही में आए आंकड़े बताते हैं कि एक मार्च से लेकर चार अप्रैल तक दिल्ली में कुल 2733 बच्चे संक्रमित हुए हैं। ये वे बच्चे हैं जो स्कूल जाते हैं। उम्र के अनुसार देखें तो नवजात से लेकर पांच साल तक के 441 बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं। वहीं 6-10 साल के 662 बच्चों को कोरोना संक्रमण हुआ है। वहीं सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित होने वाले 11-17 साल के किशोर और किशोरियां हैं जिनकी संख्या 1630 है।
लिहाजा दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से तत्काल सभी स्कूलों को बंद करने की मांग की गई है। एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम कहती हैं कि देशभर में कोरोना के मरीजों की संख्या इस साल भी रोजाना सवा लाख से ऊपर पहुंच गई है। वहीं दिल्ली की बात करें तो यहां रोजाना पांच हजार से ज्यादा केसेज आ रहे हैं। इनमें एक संख्या स्कूल जाते उन बच्चों की भी है जो कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। सभी अभिभावक कोरोना को देखते हुए स्कूलों को बंद करने की मांग कर रहे हैं।
अपराजिता कहती हैं कि स्कूल चाहे सरकारी हो या प्राइवेट कहीं पर भी COVID SOP का तरीके से पालन नहीं हो रहा है। सरकारी स्कूलों में तो और भी खस्ता हालत है क्योंकि covid सेंटर्स जो की दिल्ली के कई स्कूलों में खुले हैं, वहां एक ही गेट से कोरोना जांच के मरीजों और स्कूली बच्चों की आवाजाही हो रही है, दूसरी तरफ स्टाफ की कमी का खामियाजा साफ तौर पर देखा जा रहा है। स्कूलों के बाहर बच्चों की भीड़ आसानी से देखी जा सकती है, जहां उनके द्वारा कोरोना SOP का पालन नहीं होता।
लिहाजा दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन (DPA) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री समेत सीबीएसई, एनसीपीसीआर और एनएचआरसी को दिल्ली के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों को बिना देरी के तुरंत बंद करने की मांग करते हुए पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना का संक्रमण उन बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है जिन्हें किसी न किसी प्रकार परीक्षा के बहाने या परीक्षाओं की तैयारी के लिए लगातार दबाव बनाकर अभिभावकों की अनुमति के बिना भी स्कूलों में बुलाया जा रहा है। ऐसे में अनुरोध है कि बिना देरी के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों को तुरंत बंद करने के आदेश दिए जाएँ और बच्चों व टीचर्स को सुरक्षित किया जाए।
ये हैं अभिभावकों के सुझाव
अपराजिता कहती हैं कि बच्चों के जो भी प्रैक्टिकल रह गए हैं उनको मौखिक रूप से ऑनलाइन ले लिया जाए और जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं उनको फ़ोन करके मौखिक प्रैक्टिकल ले लिया जाए। अकारण उनपर दबाब बनाना सही नहीं है। एसोसिएशन द्वारा बोर्ड के बच्चों के ऑनलाइन/फ़ोन प्रैक्टिकल का सुझाव CBSE के पास भी भेजा जा रहा है। इसके साथ ही दिल्ली में पढ़ने वाले 9वीं और 11वीं के बच्चों को बिना एग्जाम के ही पास करने की घोषणा कर दी जाये. इस प्रकार का आदेश कई राज्यों द्वारा निकाला जा चुका है।
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