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नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड में रेप पर दिए गए एक फैसले को लेकर लोग जज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, पिछले साल हुए एक मामले में अदालत ने रेपिस्ट की सज़ा ये कहते हुए कम कर दी कि उसने महिला के साथ सिर्फ 11 मिनट तक रेप किया। जज के इस फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं और फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
स्विट्जरलैंड में रेप पर दिए गए एक फैसले को लेकर लोग जज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, पिछले साल हुए एक मामले में अदालत ने रेपिस्ट की सज़ा ये कहते हुए कम कर दी कि उसने महिला के साथ सिर्फ 11 मिनट तक रेप किया. जज के इस फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं और फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला 20 जून 2020 का है। बेसल में रहने वाली 33 साल की महिला का आरोप था कि उसके घर के बाहर दो पुर्तगालियों ने अटैक किया और उसे बंधक बनाकर रेप किया। आरोपियों में एक की उम्र 17 साल है और दूसरा 32 साल का बताया गया है. मामले पर फैसला सुनाते हुए महिला जज ने कहा कि सिर्फ 11 मिनट तक रेप हुआ. ये अपेक्षाकृत कम अवधि थी।
नाबालिग को फिलहाल कोर्ट ने सजा नहीं सुनाई है। मगर दूसरे दोषी की सजा को 51 महीने से घटाकर 36 महीने कर दिया गया है। लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
यही नहीं, महिला जज ने पीड़िता को लेकर भी ऐसे कमेंट किए, जिनसे विवाद बढ़ा। जज ने कहा कि पीड़िता ने आरोपियों को सिग्नल भेजे होंगे. इसलिए आरोपियों की हिम्मत बढ़ी होगी। जज ने कहा कि ये बहुत मामूली गलती है
बताया जा रहा है कि पीड़िता दोनों दोषियों से एक नाइट क्लब में मिली थी. जज ने कहा कि ये महिला आरोपियों से पहले नाइटक्लब में मिली थी और टॉयलेट जाते समय उसने इन्हें एक सिग्नल दिया था।
महिला जज के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करने वाली ज्यादातर महिलाएं ही थीं। उन्होंने इस दौरान 11 मिनट का मौन रखा। महिलाएं ’11 मिनट बहुत ज्यादा होते हैं’ लिखे बैनर के साथ प्रदर्शन कर रही थीं।
एक बैनर में लिखा था- ‘बहुत कम समय तक रेप का मतलब कुछ नहीं होता। रेप इज़ रेप।
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