लखनऊ। कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा के कुनबे का एक और बड़ा नाम बीजेपी के साथ आने वाला है। इसमें कितनी सच्चाई है ये तो आने वाला वख्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल यादव को एक बार फिर दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया गया। शिवपाल यादव न घर के रहे न घाट के। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात ने सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। हालांकि, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘फिलहाल के लिए’ इन बातों को खारिज किया है।
मौर्य ने यादव के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कहा कि अभी तो हमारे यहां ऐसी कोई वैकेंसी नहीं है। हाल ही में यादव, भतीजे खिलेश की तरफ से बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिवपाल समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। उन्होंने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ हमारे मुख्यमंत्री हैं और कोई भी उनसे मुलाकात कर सकता है। फिर चाहे वे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हों… और अखिलेश यादव भी उनसे मिल चुके हैं।’
मुलायम सिंह के भाई प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव कभी भी बीजेपी में आ सकते हैं। अखिलेश के परिवार वाले ही अखिलेश का साथ लगातार छोड़ते नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव की इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हो चुकी हैं। बता दें कि शिवपाल के जाते ही मुलायम परिवार की पीढ़ी की सियासत सपा से खत्म हो जाएगी।
दरअसल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीते शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। बैठक में सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति बनानी थी, लेकिन इससे पहले सपा में एक बार फिर अंदरुनी झगड़े की आहट सुनाई देनी लगी। अखिलेश यादव ने एक बार फिर चाचा शिवपाल यादव को बड़ा झटका देते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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