नई दिल्ली। प्रयागराज में आज से विश्व हिंदू परिषद की दो दिन की धर्मसंसद की शुरुआत होने जा रही है। इस धर्मसंसद में वीएचपी के बड़े नेताओं के साथ-साथ सांधु संत शामिल होंगे। इस धर्म संसद में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलेंगे। वहीं वीएचपी की इस धर्म संसद से पहले साधु-संतों में दो फाड़ हो गया है। वीएचपी द्वारा 31 जनवरी और 1 फरवरी को आयोजित धर्म संसद से एक दिन पहले एक दूसरे धड़े ने अलग से संसद का आयोजन कर राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान कर दिया है।
इससे पहले बुधवार को प्रय़ागराज में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा परम धर्म संसद साधु-संतों की संसद बुलाई गई। इस संसद में बुधवार के दिन राम मंदिर निर्माण पर चर्चा हुई और उसके बाद मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने का एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि 21 फरवरी को राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, जिसका जिम्मा साधु-संतों के कंधों पर होगा और इसके लिए साधु-संत अयोध्या कूच करेंगे। प्रस्ताव के अनुसार, अयोध्या में 21 फरवरी को शिलान्यास करने की तिथि निश्चित की गई है। राम मंदिर के लिए शांतिपूर्ण और अहिंसक आंदोलन चलाया जाएगा। राम मंदिर के लिए जमीन नहीं सौंपे जाने तक जेल भरने का आंदोलन चलाया जाएगा। संत रोके जाने पर गोली खाने को भी तैयार हैं।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि राम जन्मभूमि छोड़कर दूसरी जगह मंदिर निर्माण करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा, “हम कोर्ट के किसी आदेश की अवहेलना नहीं कर रहे हैं। जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को खारिज नहीं किया जाता, तब तक उसका आदेश लागू है। वहां राम जन्मभूमि है वहां रामलला विराजमान है और हम अयोध्या जाकर जन्मभूमि में ही मंदिर का शिलान्यास करेंगे।”
Leave a Reply