
यूनिक समय, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा का दिन अत्यंत शुभ और फलदायी होता है। इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा कल, 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में धन, सौभाग्य और समृद्धि आती है। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3:21 बजे होगी और इसका समापन 13 अप्रैल को सुबह 5:51 बजे होगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में मां लक्ष्मी के समक्ष दीपक प्रज्वलित करना विशेष लाभकारी माना जाता है। इससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है और चंद्रमा व शुक्र ग्रह से संबंधित बाधाएं शांत होती हैं।
इस दिन पीतल के दीपक का प्रयोग करना शुभ माना गया है, क्योंकि पीतल को मां लक्ष्मी की प्रिय धातु माना जाता है। दीपक में सामान्य रुई की बाती का उपयोग करें। यदि संभव हो तो गाय के शुद्ध घी से दीप जलाएं और इसे देवी लक्ष्मी की दाईं ओर रखें।
सफेद तिल के तेल का दीपक भी जलाया जा सकता है, लेकिन उसे मां लक्ष्मी की बाईं ओर स्थापित करें। दीपक को उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखें, यह दिशा धनवृद्धि के लिए शुभ मानी जाती है।
दीपक प्रज्वलन के बाद कुश या ऊनी कंबल के आसन पर बैठकर श्रीसूक्त के 16 मंत्रों का श्रद्धा पूर्वक जाप करें। यह उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में सुख-शांति, धन-संपत्ति और यश की प्राप्ति होती है।
यदि संभव हो, तो इस उपाय को हर शुक्रवार को भी दोहराया जा सकता है, जिससे जीवन में निरंतर सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक उन्नति बनी रहती है। इस चैत्र पूर्णिमा पर श्रद्धा और नियमपूर्वक यह उपाय करने से निश्चित ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
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