
यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता विनय शंकर तिवारी के 10 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है, जो लखनऊ, गोरखपुर से लेकर मुंबई तक फैले हुए थे। यह कार्यवाही करीब 700 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के सिलसिले में की गई है। इससे पहले भी ED और CBI तिवारी के ठिकानों पर कार्यवाही कर चुकी हैं।
सपा नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी, गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड, पर यह आरोप है कि उसने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं ली थीं। इन फंड्स को बाद में अन्य कंपनियों में डायवर्ट किया गया और बैंकों का कर्ज वापस नहीं किया गया, जिसके कारण कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ईडी ने सोमवार को एक साथ लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई में तिवारी के गंगोत्री इंटरप्राइजेज के विभिन्न दफ्तरों पर छापेमारी की। जांच के दौरान, ईडी ने तिवारी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है और जल्द ही इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस मामले में, नवंबर 2023 में ईडी ने तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। साथ ही, 2023 में गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया गया था, जिनमें कृषि योग्य भूमि, व्यावसायिक परिसर और आवासीय भूखंड शामिल थे।
बैंकों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद, सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था, जिसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत तिवारी और उनकी कंपनी के निदेशकों, प्रमोटरों और गारंटरों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
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