संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। ब्रज में विलुप्त होती जा रही सांझी कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जीएलए विश्वविद्यालय और उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने बीड़ा उठाया है। इसके तहत भगवान श्रीकृष्ण के भक्त रसखान की समाधि पर 18 से 25 सितंबर तक आठ दिवसीय सांझी महोत्सव कराने का निश्चय किया है।
रसखान समाधि पर आयोजित होने वाले आठ दिवसीय सांझी महोत्सव में सांझी कला के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इस आयोजन में राजकीय संग्रहालय और ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सहयोग से विभिन्न प्रकार की जल सांझी, फूलों की सांझी, गोबर सांझी, केले के पत्तों की सांझी, कैनवास सांझी और रंगों की सांझी के अलावा सांझी सेमिनार और सांझी प्रतियोगिता कराई जाएंगी।
सांझी कला के साथ-साथ श्रद्धालुओं के मन को मोहित करने और ब्रज की संस्कृति के बारे में अवगत कराने के लिए रसखान समाधि स्थल पर ही सायं 4 बजे से रात्रि 7 बजे तक भजन संध्या, सांझी समाज गायन, बनी-ठनी नाट्य रूपक, बेणीगूंथन रासलीला, लावनी लोकगीत, रसिया, ब्रजभाषा कवि सम्मेलन, लोक नृत्य और जिकड़ी भजन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे। कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति के लिए जीएलए विश्वविद्यालय द्वारा बेहतर और समुचित व्यवस्थाएं की गईं हैं।
जीएलए विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि स्मारक मित्र के तहत जब से जीएलए ने रसखान समाधि और ताज बीवी को गोद लिया है तब से अब तक काफी संरक्षण हुआ है। आने वाले श्रद्धालुओं के रसखान की लीलाओं के बारे में जानकारी देने हेतु एक मॉन्यूमेंट इंचार्ज की तैनाती की गई है।
उप्र ब्रजतीर्थ विकास परिषद् के डिप्टी सीईओ पंकज वर्मा ने बताया कि सांझी महोत्सव को भव्य रूप देने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि आठ दिवसीय महोत्सव में ब्रज के कलाकार ही प्रतिभाग करेंगे। सभी प्रतिभागियों को सम्मान पत्र और स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया जायेगा।
Leave a Reply