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देश में कोरोना के नये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरों के बीच एक बार फिर नए केस ने राज्यों में रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना के बढ़ते खतरों को तीसरी लहर की आशंका के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में एक तरफ जहां 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण की घोषणा की वहीं, दूसरी तरफ बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज दिए जाने का भी ऐलान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे बुजुर्ग एहतियाती खुराक ले सकते हैं, जो दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। बूस्टर डोज दिए जाने के ऐलान के बाद इस बात को लेकर हलचल शुरू है कि तीसरी डोज आखिर किन बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों को दी जाएगी और इसके लिए उन्हें किस तरह के दस्तावेज दिखाने होंगे। सेव त्मंक – बच्चों का वैक्सीनेशन होगा।
इस दुविधा का प्लेटफॉर्म के प्रमुख और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर आरएस शर्मा ने दूर कर दिया। सूत्रो से बातचीत में कोविड प्लेटफॉर्म के प्रमुख ने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र वालों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए को-मॉर्बिडिटी सर्टिफिकेट साथ लाना होगा। टीकाकरण प्रक्रियाएं पहले जैसी ही।
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