नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार इन्सटैंट मैसेजिंग सर्विस ऐप वॉट्सऐप के ‘एंड टू एंड एन्क्रिप्शन’ फीचर को हटाने पर विचार कर रही है. अमेरिकी मैगजीन Politico की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी संभावित एन्क्रिप्शन बैन को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल की मीटिंग में भी इसको लेकर विचार किया गया है.
क्या है एंड टू एंड एन्क्रिपशन-
सूचना की प्रिवेसी के लिए बनाई गई यह ऐसी टेक्नॉलजी है जो कि काफी सेफ है. इसमें मैसेज को केवल भेजने वाला और पाने वाला ही पढ़ सकता है, बाकी कंपनी सहित कोई कानूनी एजेंसी भी इस मैसेज को नहीं पढ़ सकती. इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp इस एन्क्रिप्शन पर बेस्ड है. इसके अलावा ऐपल के मैसेज और फेस टाइम भी एंड टु एंड एन्क्रिप्शन पर आधारित हैं. दूसरे सिक्योर ऐप्स जैसे Signal भी इसका यूज करते हैं.
हालांकि, अभी तक ट्रंप सरकार इस बात पर कोई फैसला नहीं कर पाई है. यह भी विचार चल रहा है कि इस पर बैन लगाया जाए या इसमें बदलाव किया जाए. दरअसल इस मामले में विचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ऐप्पल ने अपनी पॉलिसी का हवाला देकर सैन बर्नाडिनो नाम के एक शूटर का फोन अनलॉक करने से मना कर दिया था. बाद में एफबीआई ने एक मिलियन डॉलर देकर इसे अनलॉक करवाया था. इसके बाद में ऐप्पल ने उस कमी को भी दूर कर लिया था जिसका फायदा उठाकर इसे अनलॉक किया गया था.
अब अगर वॉट्सऐप से ये फीचर हटाया जाता है तो अमेरिका ही नहीं भारत में भी लोग इससे प्रभावित होंगे. वॉट्सऐप ने भी अपने एक आधिकारिक बयान में हाल ही में कहा था कि अगर ये फीचर हटाया जाता है तो इसकी पहचान खत्म हो जाएगी.
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