सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, कानपुर में मुस्लिम महिला ने उर्दू लिखी में ‘रामायण’

नई दिल्ली। कानपुर में एक मुस्लिम महिला ने गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल पेश की है। कानपुर में एक मुस्लिम महिला ने पूरी रामायण का उर्दू में अनुवाद किया है। माही तलत सिद्दीकी नाम को इस काम को करने में तकरीबन डेढ़ साल का समय लगा। बताया जा रहा है कि उर्दू में उनकी लिखी ये रामायण जल्द ही दुकानों पर भी उपलब्ध होगा। इस किताब में रामायण के एक-एक दोहे को काफी करीने से उर्दू में अनुवाद किया गया है। अनुवाद करते वक्त माही तलत सिद्दीकी इस बात का खास ध्यान रखा कि उसका मूल मतलब न बदल जाए।
बताया जा रहा है कि माही तलत सिद्दीकी को करीब दो साल पहले कानपुर के शिवाला निवासी बद्री नारायण तिवारी ने रामायण दी थी। इसके बाद माही ने तय किया कि इसको वह उर्दू में लिखेंगी और हिन्दू धर्म के साथ मुस्लिम लोगों को भी रामायण की अच्छाई से अवगत कराएंगी। रामायण को उर्दू में लिखने में माही को डेढ़ साल से ज्यादा का समय लगा।
माही तलत सिद्दीकी का कहना है कि ‘सभी धर्मों के धार्मिक ग्रंथ की तरह रामायण भी एकता और भाईचारे का संदेश देती है।’ उन्होंने कहा कि रामायण में आपसी संबंधों को बहुत खूबसूरती से उकेरा गया है। माही के मुताबिक, रामायण का उर्दू में लिखने के बाद काफी तसल्ली और सुकून मिला। साथ ही समझ के भटकाव को कम करने का जरिया भी दिखा।

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