ऋण की वसूली के नाम पर राजस्व कर्मी की दबंगई
— पीडित ने वसूली अमीन पर लगाए ऋण की राशि हड़पने का आरोप
गिरधारी लाल श्रोत्रिय
मथुरा। एक ओर केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति से को दो गुना करने और उनको प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई योजनाएं चला रही है। वहीं राष्ट्रीयकृत बैंकें व राजस्व कर्मी किसानों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं। ऐसा ही मामला छाता की सिंडिकेट बैंक का सामने आया है। जहां ऋण की वसूली की आरसी निकलने के बाद अमीन आया और पीडित किसान को ऋण की राशि जमा करने को कहा और उसे पकड़कर तहसील की हवालात में बंद कर दिया। पीडित ने जैसे तैसे उक्त राशि को अमीन को दे दी, लेकिन अमीन ने वह राशि बैंक में जमा नहीं की। उसके बार—बार मांगने पर रसीद नहीं दी तो उसने अधिकारियों से इसकी शिकायत की लेकिन अभी तक दोषी अमीन के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है। अब उसने तहसील में आयोजित समाधान दिवस में इसकी शिकायत दर्ज कराकर दोषी अमीन के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार छाता तहसील के गांव जंघावली के रहने वाले अशरफ अली के पिता के द्वारा एलडीबी बैंक छाता से 88 हजार रुपये का ऋण लिया था। आर्थिक तंगी के कारण वह लोन को चुका नहीं पाए थे। इस पर सिंडिकेट बैंक ने अशरफ अली के पिता के खिलाफ तहसील से ऋण की वसूली को आरसी जारी करा दी। जिस पर तहसील से अमीनों की एक टीम के द्वारा अशरफ अली के पिता को गांव से पकड़कर तहसील की हवालात में बंद कर दिया था। वह 24 घंटे तक हवालात में बंद रहे। उसके बाद अमीन ने अशरफ अली पर दबाव बनाया गया कि बैंक के लोन भर दो। जिस पर अशरफ अली ने कहीं से जुगाड़ कर अमीन सतीश को 88 हजार रुपये की राशि दे दी। तब अमीन से अगले दिन पैसे जमा करने की रसीद मांगी गई तो उसने बहाना बनाकर अशरफ अली को वहां से भगा दिया। उसके बाद भी वह लगातार उससे रसीद की मांग की करता रहा अब अमीन उसके साथ अभद्रता से बात करने पर उतारू हो गया है। जिसकी शिकायत पीड़ित के द्वारा लगातार मंगल दिवस में की जा रही थी, लेकिन अमीन के खिलाफ कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई। शिकायत पर अधिकारियों ने अमीन सतीश से इस संबंध में पूछताछ की तो वह जवाब नहीं दे पाया और ना ही पैसे जमा करने की रसीद दे पाया। अब उसने आज पुन: अपनी फरियाद तहसील में दर्ज कराई है। अब देखना है कि अमीन के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या नहीं
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