घर में चलाना है पंखा या एसी तो पहले जमा कराना होगा पैसा, फिर मिलेगी बिजली

नई दिल्ली। अब लोगों को घर में पंखा या फिर एसी को इलेक्ट्रोनिक सामान चलाने के लिए पहले भुगतान करना होगा, उसके बाद ही घर में बिजली आएगी। केंद्र सरकार जल्द ही बिजली प्रयोग करने के बाद बिल भुगतान की प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने जा रही है। सरकार एक योजना पर काम कर रही है, जिससे लोगों को बिजली का प्रयोग करने से पहले ही उसका भुगतान करना होगा। इसके लिए देश भर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगेंगे।
राज्यों को अपनी जेब से करना होगा भुगतान
बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि भारत एक नई व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जहां बिजली उपभोक्ता को पहले भुगतान करना होगा और फिर उसे बिजली की मिलेगी। ऊर्जा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य समाज के कुछ वर्गों को निशुल्क बिजली दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा।
मुफ्त में नहीं बनती है बिजली
सिंह ने कहा, हम भुगतान और आपूर्ति के बीच एक संपर्क बना रहे हैं। आपको पहले भुगतान करना होगा और फिर आपको बिजली मिलेगी। निशुल्क बिजली जैसी कोई चीज नहीं है। आप बिना निवेश के बिजली का उत्पादन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली बनाने में लागत लगती है और किसी को इसके लिए भुगतान करना पड़ता है। अगर राज्य निशुल्क बिजली देना चाहते हैं तो दें, लेकिन उनको इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा। यही हम करने जा रहे हैं।
2022 का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने 2022 का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद लोगों को बिना मीटर को रिचार्ज कराए घर में बिजली की सप्लाई नहीं मिलेगी। उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन की तरह बिजली को रिचार्ज कराना होगा। इसके पूरा होते ही उपभोक्ताओं के घर में बिजली का बिल पहुंचने के दिन समाप्त हो जाएंगे।
उत्पादन बढ़ाने का सुझाव
बिजली मंत्री आरके सिंह ने मीटर निर्माताओं को स्मार्ट प्री-पेड मीटरों का उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने निर्माताओं से कहा कि आने वाले दिनों में इसकी बड़ी मांग होगी और उम्मीद है कि तीन साल में सभी मीटर स्मार्ट प्री-पेड होंगे।
प्रीपेड मीटर से कई फायदे
उपभोक्ताओं को बिल भेजे जाने की कवायद खत्म होगी। बिजली कंपनियों पर बकाया का भार नहीं रहेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्मार्ट मीटर के तमाम फायदों को ध्यान में रखते हुए इसके निर्माण को अनिवार्य करने पर विचार करें। इससे बिजली क्षेत्र में क्रांति आएगी, नुकसान कम होंगे और बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति सुधरेगी।
इतना आएगा खर्चा
बाजार में फिलहाल सबसे सस्ता सिंगल फेज प्रीपेड बिजली मीटर अभी 8 हजार रुपये का मिल रहा है। हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाला मीटर खरीदने के लिए लोगों को 25 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
घरों में लगेंगे प्रीपेड मीटर
उर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में 24X7 सभी को निर्बाध तरीके से बिजली मिल सकती है। यह करना भी जरूरी होगा। प्रत्येक घर में बिजली को केवल प्रीपेड मीटर के जरिए सप्लाई किया जाएगा। बिना प्रीपेड मीटर के बिजली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
मोबाइल फोन की मदद से होगा रिचार्ज
लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने बिजली मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे। आरके सिंह ने कहा कि अब पॉवर कंपनी के कर्मचारी बिलिंग और कलेक्शन के काम में नहीं लगेगे। न ही इन कर्मचारियों को मीटर की रिडिंग के लिए लगाया जाएगा।
लाइन लॉस को किया जाएगा कम
मीटिंग में लाइन लॉस को कम करने पर भी सहमति बनी और इसको जनवरी तक 15 फीसदी से नीचे लाया जाएगा। अभी देश भर में लाइन लॉस कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक है। लाइन लॉस वो होता है, जब लोग कटिया डालकर या फिर कम लोड लेकर चोरी करके बिजली को जलाते हैं। प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद लाइन लॉस कम होने की उम्मीद है, जिसके चलते आने वाले वक्त में बिजली की दरें कम हो सकती हैं।

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