नई दिल्ली। आपने अक्सर देखा होगा कि टोल प्लाजा पर रुपये वापस करने के दौरान कैशियर 10 और 5 रुपये के सिक्के जरूर लौटाता है. इनमें 10 रुपए के सिक्कों की संख्या ज्यादा होती है. इसके पीछे वजह जो भी हो, लेकिन हरियाणा पुलिस ने हाल ही में नकली सिक्के बनाने वाली एक फैक्ट्री पकड़ी है. सिक्के बनाने और बाज़ार में उन्हें चलाने वाले लोग भी पकड़े गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, फैक्ट्री में 10 और 5 रुपये के सिक्के बनाए जा रहे थे. फैक्ट्री फरीदाबाद के बहादुरगढ़ में चलाई जा रही थी। पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. अन्य अरोपियों के साथ-साथ एक युवती को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस की माने तो ये युवती तैयार नकली सिक्कों की मार्केटिंग करती थी. युवती ने पंजाब नेशनल बैंक के नाम से एक फर्जी लेटरहेड तैयार किया हुआ था. बताया जाता है कि युवती खुद को सिक्के चलाने के लिए बैंक की ओर से नियुक्त की गई बताती थी. खास बात यह है कि सिक्के बनाने वाला यह गिरोह सिक्कों की पैकिंग के बाद उस पर टकसाल की मोहर भी लगाता था, जिससे किसी को कोई शक न हो।
टोल प्लाजा सॉफ्ट टारगेट
आरोपी युवती के अनुसार, सिक्के चलाने के लिए उनका सॉफ्ट टॉरगेट टोल प्लाजा होते हैं. यहां आसानी से बड़ी संख्या में सिक्के चल जाते हैं. इसके अलावा दूसरे शहरों में ऐसी बड़ी दुकानें तलाशी जाती हैं, जहां ग्राहकों की भीड़-भाड़ ज्यादा रहती है.
मोटा कमीशन मिलने के लालच में हर कोई आसानी से सिक्के लेने को तैयार हो जाता है. आरोपी 60 से 70 रुपये में 100 रुपये के सिक्के देते थे. ज्यादा पूछताछ होने पर बताते थे कि बैंक के पास सिक्के बहुत हैं और टारगेट के हिसाब से बेचने भी हैं, इसलिए ऑफर के साथ बेचे जा रहे हैं।
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