मार्च के अंत तक दस करोड़ किसानों को ​मिलेगा 2000 हजार रूपये

नई दिल्ली। किसानों की बदहाली के लग रहे आरोप के बीच मौजूदा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला किया है। सरकार दस करोड़ किसानों को मार्च के अंत तक दो-दो हजार रुपये देगी। ये पैसा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी के तहत दिया जाएगा। कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि ये स्किम छोटे किसानों के लिए है औऱ हम एक सूची बना कर मार्च तक 10 करोड़ किसानों को दो-दो हजार रुपये दे देंगे।
कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि शुरुआत में योजना को लागू करना कठिन हो सकता है पर आगामी समय में हम इसे सरल और आसान बना देंगे। हम चयनित किसानों के बैंक आकाउंट को आधार से जोड़ देंगे, जिससे पैसा वितरण प्रणाली में सहुलियत मिलेगी। हालांकि इस मामले में एक्सपर्ट की राय कुछ और ही है। एक्सपर्ट का मानना है कि इस स्किम को लागू करने में मुश्किलें आ सकती हैं खास कर के बड़े-बड़े राज्यों में, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में जहां भूमी के रिकॉर्ड डिजिटल नहीं हैं, वहां किसानों की सूची बनाने में मुश्किलें आ सकती हैं।
शेखावत ने कहा कि हमने राज्य सरकारों से किसानों की सूची तैयार करने के लिए कह दिया है। लेकिन केंद्र के पास पहले से ही इस योजना के लिए डेटा है। हमारे पास अधिकांश किसानों का डेटाबेस है, क्योंकि वे पहले से ही विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के हमारे लाभार्थी हैं। इसके अलावा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी हमारे डेटा का मुख्य स्रोत है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी राज्य इस कवायद में पीछे रहना चाहेगा। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि कृषि मंत्रालय इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तैयारी करेगा।
इस योजना के लिए 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे और सीमांत किसानों की पहचान करने की आवश्यकता है। अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में कहा कि चालू वित्त वर्ष में 1 दिसंबर, 2018 से प्रभावी इस योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। पूर्व कृषि सचिव पीके बसु ने भी कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन एक चुनौती होगी। योजना फैंसी लग रही है। उन्होंने कहा, “लेकिन जमीन पर कार्यान्वयन एक बड़ी चुनौती होगी, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्यों में जहां भू अभिलेखों का डिजिटलीकरण उचित क्रम में नहीं है। देश के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों जैसे कर्नाटक, केरल, गुजरात और महाराष्ट्र में कार्यान्वयन बहुत आसान होगा।”

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