पटना। बिहार में नीतीश सरकार की तमाम कड़ी पाबंदी और कानूनी कार्रवाई के बाद भी प्रदेश में जहरीली शराब से पीने मरने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब फिर बक्सर जिले एक दुखद खबर सामने आई है। जहां बुधवार देर रात 5 लोगों की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। वहीं तीन लोगों की हालत गंभीर है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दरअसल, यह दुखद घटना बक्सर जिले के डुमरांव के आमसारी गांव का है। जहां मामले की जानकारी देते हुए मृतकों के परिजनों ने बताया कि 8 लोगों ने गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी की रात गांव से पहले शराब खरीदी, फिर खेत में बनी मचान पर बैठकर आठों ने शराब पार्टी की थी। इसके बाद वह घर आ गए, फिर आधी रात के बाद सभी की तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में उनको अस्पताल ले जाया गया, लेकिन 5 ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जबकि तीन की हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई है।
जहरीली शराब से मरने वालों के नाम
1. आंनद कुमार (20), 2. रिंकु सिंह (35) 3. दीनू सिंह (48) 4. शिव मोहन यादव (45) 5. सुखु मुसहर (55) शामिल हैं।
जिनकी हालत गंभीर उनके नाम
1. बंटी सिंह, 2. मुन्ना चौधरी 3. संजय चौधरी
ग्रामीणों की मानें तो गांव में शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। इतना ही नहीं खुलेआम शराब बिकती भी है। हालांकि इस पूरे मामले पर बक्सर एसपी और स्थानीय पुलिस इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल हम जांच करने के लिए पहुंचे हैं, छापेमारी की जा रही है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। एसपी नीरज कुमार का कहना है कि मामले की गंभरीता से जांच की जा रही है। पांचों ही शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। शुरूआती जानकारी में अभी मौत कैसे हुई यह नहीं पता चल पाया है। अगर गांव में किसी के भी घर शराब मिलती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि बिहार में कहने को तो शराबंदी है, लेकिन फिर भी गांव से लेकर शहर तक में शराब खुलेआम बिकती है। आए दिन इसको पीने से लोगों की मौतें हो रही हैं। हाल ही में एक सप्ताह पहले ही नालंदा जिले के सोहराय में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हुई थी। जिसकी पुष्टि खुद जिले के एसपी ने की थी। इतना ही नहीं इस मामले ने तूल पकड़ा तो सोहसराय थाने के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया। इतना ही नहीं दो महीने पहले ही गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थाना प्रभारी को हटाने के आदेश दिए थे।
बता दें कि बिहार में कहने को तो शराबंदी है, लेकिन फिर भी गांव से लेकर शहर तक में शराब खुलेआम बिकती है। साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वादा किया था कि अब से राज्य में ना तो कोई शराब पिएगा और ना ही मिलेगी। क्योंकि सुशसान बाबू इस ऐलान के बाद महिलाओं की वोट अपने पक्ष में करना चाहते थे। हालांकि हुआ भी वही जैसा सीएम ने चाहा, जिसके चलते महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 60 के करीब हो गया था। महिलाओं ने बढ़ चढ़कर उनको वोट दिया और राज्य में नीतीश की सरकार बनाई। लेकिन अब तो आए दिन अवैध शराब पीने से लोगों की मौतें हो रही हैं। जिसको लेकर राज्य सरकार पर अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं। आम जनता से लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर मुख्यमंत्री आ चुके हैं। मौत के जो आंकड़े आ रहे हैं वह तो यही बताते हैं कि शराबबंदी वाले वाले बिहार में अब भी लोगों को आसानी से शारब मिल रही है।
Leave a Reply