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नई दिल्ली। पंचतत्व में विलीन हुई दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का एक खत सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक शीला दीक्षित ने 8 जुलाई को सोनिया गांधी को आखिरी खत लिखा था, जिसमें उन्होंने दिल्ली की राजनीति को लेकर तमाम बातें कही थीं. शीला ने सोनिया से नेताओं की भूमिकाओं की जांच कराने की भी मांग की थी।
सूत्रों के अनुसार दिवंगत शीला ने निधन से कुछ दिन पहले लिखे खत में अजय माकन और पीसी चाको की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘माकन के इशारे पर चाको बेवजह कदम उठा रहे हैं और मेरे काम में अड़ंगा लगा रहे हैं. चाको और माकन दिल्ली में गठबंधन चाहते थे, लेकिन मैं ही उसके खिलाफ खड़ी रही. नतीजा आपके सामने है. कांग्रेस बिना गठजोड़ के दूसरे नंबर पर आई. दिल्ली कांग्रेस के हालिया विवाद में आप हम तीनों की भूमिका की जांच करा लें. मेरे आरोप सही साबित होंगे.’
बता दें कि शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को निधन हो गया. शीला दीक्षित दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी थीं. मुख्यमंत्री रहने के बाद शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रह चुकी थीं. वर्तमान में वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. लंबे समय से थीं बीमार होने के चलते 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
चाको और माकन से थे मतभेद
लोकसभा चुनावों से पहले से ही शीला दीक्षित और पीसी चाको व माकन के बीच मतभेद थे. आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर दिल्ली कांग्रेस दो धड़ों में बंटी हुई थी. जहां शीला आप से गठबंधन के खिलाफ थीं वहीं चाको और माकन गठबंधन हर हाल में चाहते थे. हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाकाे के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गए हैं. हुआ ये कि अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी के पदाधिकारियाें ने सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया.
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