नई दिल्ली। दिसंबर के आखिर में चीन से शुरू हुए कोविड-19 ने जल्दी ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। आज अमेरिका और इटली जैसी महाशक्तियां भी इससे त्रस्त हैं। अब ये बताया जा रहा है कि फ्रांसीसी भविष्यवक्ता माइकल दि नास्त्रेदमस (Michel de Nostredame) ने सदियों पहले ही इस वायरस की चेतावनी दे दी थी. उन्होंने अपनी किताब Les Propheties में एक बीमारी का जिक्र किया, जिसके लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं. इससे माना जा रहा है कि लगभग 500 साल पहले ही इस भविष्यवक्ता ने इस बारे में सचेत कर दिया था।
कौन थे नास्त्रेदमस
फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस का जन्म दिसंबर 1503 को फ्रांस के एक गांव Saint-Rémy-de-Provence में हुआ था. फिजिशियन, कवि के अलावा नास्त्रेदमस भविष्यवाणियां करने का काम भी करने लगे. लेकिन ये पूर्वानुमान देश और दुनिया को लेकर होते थे. उन्होंने अपनी मशहूर किताब Les Prophéties में दुनिया, राजनीति, आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाओं को लेकर 950 अलग-अलग बातें कहीं. कविताओं और कोड में वे ये भविष्यवाणियां लिखा करते थे. नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणियां एकदम सटीक मानी जाती हैं. जैसे उनके अनुयायियों के अनुसार वे कोड लैंग्वेज में पहले ही हिरोशिमा-नागासाकी पर परमाणु विस्फोट के अलावा फ्रेंच क्रांति, ग्रेट फायर ऑफ लंदन और 9/11 आंतकी हमले के बारे में सचेत कर चुके थे. यहां तक कि उन्होंने अडोल्फ हिटलर और दूसरे वर्ल्ड वार के बारे में भी बताया था. यही वजह है कि उनके बहुत से अनुयायी मानते हैं कि नास्त्रेडमस ने 1555 में ही कोरोना वायरस का संकेत भी दे दिया था.
नास्त्रेदमस ने कहीं भी खुलकर वायरस जैसा कोई शब्द नहीं लिखा है
क्या लिखा कोरोना के बारे में
अपनी किताब Les Propheties में नास्त्रेदमस ने फ्रेंच में इस वक्त का पूर्वानुमान लगाया था. चार लाइनों में उन्होंने लिखा था-
“When the litters are overturned by the whirlwind,
“And faces are overturned by cloaks,
“The new republic will be troubled by its people.
“At this time the reds and the whites will rule wrongly.”
भविष्यवाणियों पर भरोसा करने वाले और खासकर नास्त्रेदमस के मानने वाले इसकी दूसरी लाइन को अपनी तरह से परिभाषित करते हुए कह रहे हैं कि नास्त्रेदमस ने तब वायरस की वजह से चेहरे पर मास्क का जिक्र किया था. वहीं new republic को इटली के वर्तमान हालातों से जोड़ा जा रहा है, जहां वायरस के कारण इतनी तबाही मची हुई है. हालांकि नास्त्रेदमस ने कहीं भी खुलकर वायरस जैसा कोई शब्द नहीं लिखा है, जबकि वह एक चिकित्सक भी थे. नास्त्रेदमस ने यह भी कहा है कि आर्थिक मामलों को लेकर चीन और अमेरिका के बीच टकराहट जैसे हालात बन सकते हैं. फिलहाल जो हालात बने हैं, उससे इसके भी संकेत मिल रहे हैं.
और भी लगे हैं पूर्वानुमान
वैसे कहा जा रहा है कि नास्त्रेदमस के अलावा कई और भविष्यवक्ता भी कोरोना वायरस के बारे में पूर्वानुमान लगा चुके थे. इनमें साइंस फिक्शन लिखने वाले ख्यात अमेरिकन लेखन Deal Koontz भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी किताब The Eyes of Darkness में इसका जिक्र किया था. ये साल 1981 में छपी थी और काफी पढ़ी गई थी. इसमें वुहान 400 नाम के एक वायरस के बारे में लिखा गया है जो जैविक हथियार की तरह चीन में तैयार हुआ था. इसे भी कोरोना से जोड़ते हुए देखा जा रहा है और बहुत से लोग चीन को दोषी की तरह भी देख रहे हैं.
किताब में मिलते-जुलते लक्षण
इसके अलावा हाल ही में एक किताब सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. इसमें अमेरिकन लेखिका सिल्विया ब्राउन की एक किताब End of Days के हवाले से कहा जा रहा है कि सिल्विया ने 12 साल पहले ही कोरोना वायरस का संकेत दे दिया था. 2008 में छपी इस किताब के एक अंश में न्यूमोनिया जैसी बीमारी का जिक्र है जो काफी तबाही मचाएगी. एक और किताब भी है Deadliest Enemy: Our War Against Killer Germs. इसके लेखक ओस्टरहोम ने भी कोरोना पर साइंस फिक्शन के जरिए बात की थी.
बता दें कि कोरोना से अब तक दुनियाभर के 9 लाख 40 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और मौत का आंकड़ा भी लगभग 50 हजार हो चुका है. 3 महीने से इसका टीका या दवा खोजने में जुटे वैज्ञानिकों को अब तक कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है, बल्कि इसे लेकर रहस्य ही गहराता जा रहा है. जैसे पहले कहा जा रहा था कि ये खांसने और छींकने से संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ लोगों तक पहुंचता है. अब नई थ्योरी में पता चला है कि बिना किसी लक्षण के लोग भी कोरोना पॉजटिव हो सकते हैं और अनजाने में बीमारी फैला सकते हैं.
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