गहलोत सरकार ने फोन टैपिंग मामले में गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट, जानें क्या कहा

गहलोत सरकार
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राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर तख्तापलट करने की साजिश में एक केंद्रीय मंत्री का नाम आने के बाद अब केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। गृह मंत्रालय ने फोन टैपिंग के मामले में राजस्थान सरकार से जवाब तलब किया था। इस पर राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है। राज्य सरकार की रिपोर्ट में फोन टेपिंग का आधार और इनपुट्स सहित अन्य विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत ब्यौरा दिया गया है।

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सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में सफाई देते हुए पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरते जाने की बात कही है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि सरकार ने फोन टैपिंग में सभी नियमों का पालन किया है। साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रकरण में केंद्रीय मंत्री या किसी राजनीतिक व्यक्ति का फोन टेप नहीं किया गया है।

उधर, वायरल ऑडियो को लेकर दर्ज हुई रिपोर्ट के आधार पर एसओजी टीम खासा सक्रिय है। दो दिन पहले एसओजी ने दिल्ली स्थित केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के निवास पर एक नोटिस भेजकर जांच में सहयोग की अपील की थी। हालांकि मंत्री ने यह कहते हुए बयान के लिए हाजिर होने से इनकार कर दिया था कि पहले ऑडियो रिकॉर्डिंग की सत्यता सुनिश्चित की जाए।

क्या है मामला:
गौरतलब है कि, 16 जुलाई को विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हुए तीन ऑडियो वायरल हुए थे। इसमें संजय जैन, गजेंद्र सिंह शेखावत और भंवरलाल शर्मा का नाम सामने आया था। इसके बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह और संजय जैन के खिलाफ एसओजी में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

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इसके बाद मामले की जांच के लिए 18 जुलाई को एसआईटी का गठन कर दिया गया। मामले में क्राइम ब्रांच और एटीएस-एसओजी की टीमें एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। वहीं, एसीबी द्वारा भी एफआईआर दर्ज कर ऑडियो सैंपल जांच के लिए एफएसएल के पास भेजे गए हैं।

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