नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खटखटाया है। दरअसल ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी को गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमले की जांच के सिलसिले में तलब किया था, लेकिन वह पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को गाजियाबाद पुलिस को माहेश्वरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने से रोक दिया था। अब गाजियाबाद पुलिस ने कर्नाटक हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर बेंगलुरु में रहते हैं और गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें 21 जून को नोटिस जारी किया था और मामले में अपना बयान दर्ज करने के लिए गुरुवार सुबह 10.30 बजे लोनी बॉर्डर थाने में रिपोर्ट करने के लिए कहा था।
गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, कुछ समाचार वेबसाइट व पत्रकारों के अलावा कांग्रेस नेताओं सलमान निजामी, मस्कूर उस्मानी, शमा मोहम्मद और लेखिका सबा नकवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन लोगों के खिलाफ एक वीडियो प्रसारित करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें बुजुर्ग अब्दुल शमद सैफी ने दावा किया है कि पांच जून को कुछ युवकों ने उनकी कथित रूप से पिटाई की और उन्हें ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए भी कहा। पुलिस ने दावा किया है कि वीडियो सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए साझा किया गया था।
पिछले दिनों कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस जी। नरेंद्र की एकल पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि पुलिस डिजिटल तरीके से माहेश्वरी से पूछताछ कर सकती है. अदालत ने कहा था, ‘अगर इस मामले में विचार करने की आवश्यकता है, तो हम इसे 29 जून के लिए सूचीबद्ध करते हैं. इस बीच प्रतिवादियों पर याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई शुरू करने से रोक है।
पीठ ने कहा था, ‘याचिकाकर्ता का यह कहना है कि उन्होंने डिजिटल तरीके से शामिल होने के लिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस का जवाब दिया है। गाजियाबाद पुलिस ने अनुरोध पर आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया और धारा 41 (ए) के तहत नोटिस जारी कर आरोपी की श्रेणी में डाल दिया।
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