जीएसटी कलेक्शन ने तोड़े रिकार्ड, मोदी सरकार की कमाई में इजाफा

बिजनेस डेस्क। मोदी सरकार की कमाई में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। खासकर टैक्‍स से रिलेटिड कमाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है। मोदी सरकार को अक्‍टूबर के मुकाबले नवंबर के महीने में जीएसटी कलेक्‍शन में इजाफा देखने को मिला है। जोकि 1.31 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। यह कलेक्‍शन जीएसटी के हिसाब से अब तक दूसरा सबसे बड़ा कलेक्‍शन है। इससे पहले अक्‍टूबर में जो कलेक्‍शन हुआ था वो दूसरा सबसे बड़ा कलेक्‍यशन था। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर सरकार की ओर से किस तरह के आंकड़ें जारी किए हैं।

नवंबर में जीएसटी कलेक्‍शन में इजाफा
नवंबर 2021 में कुल जीएसटी कलेक्‍शन 1,31,526 करोड़ रुपए है।
जिसमें सीजीएसटी 23,978 करोड़ रुपए शामिल है।
एसजीएसटी 31,127 करोड़ रुपए शामिल है।
आईजीएसटी 66,815 करोड़ रुपए (माल के आयात पर एकत्रित 32,165 करोड़ रुपए सहित) है।
उपकर 9,606 करोड़ रुपए (माल के आयात पर एकत्र किए गए 653 करोड़ रुपये सहित) है।

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से 27,273 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 22,655 करोड़ रुपए एसजीएसटी से सेटल किए हैं। नवंबर 2021 में नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 51251 करोड़ रुपए और एसजीएसटी के लिए 53,782 करोड़ रुपए है। केंद्र ने 3 नवंबर को जीएसटी मुआवजे के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 17,000 करोड़ रुपए भी जारी किए हैं।

लगातार दूसरे महीने जीएसटी कलेक्‍शन 1.30 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया। अक्‍टूबर के महीने में जीएसटी कलेक्‍शन 1.30 लाख करोड़ रुपए था। जबकि मौजूदा वित्‍त वर्ष में यह तीसरा मौका है जब जीएसटी कलेक्‍शन 1.30 लाख करोड़ रुपए को क्रॉस हुआ है। अप्रैल के महीने में जीएसटी कलेक्‍शन 1.39 लाख करोड़ रुपए था जो अब तक का ऑल टाइम हाई है। नवंबर 2021 के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 25 अध‍िक है। और 2019-20 से 27 फीसदी ज्‍यादा है।

उच्च जीएसटी राजस्व की हालिया प्रवृत्ति विभिन्न नीति और प्रशासनिक उपायों का परिणाम रही है जो अतीत में अनुपालन में सुधार के लिए उठाए गए हैं। केंद्रीय कर प्रवर्तन एजेंसियों ने, राज्य के समकक्षों के साथ, जीएसटीएन द्वारा विकसित विभिन्न आईटी उपकरणों की मदद से बड़े कर चोरी के मामलों का पता लगाया है, मुख्य रूप से नकली चालान से संबंधित मामले, जो संदिग्ध करदाताओं को खोजने के लिए रिटर्न, चालान और ई-वे बिल डेटा का उपयोग करते हैं।

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