नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने बड़ा फैसला लिया है। काउंसिल नें चीनी पर सेस लगाने का फैसला टाल दिया है। कई राज्यों ने चीनी पर सेस लगाने का विरोध किया है। डिजिटल ट्रांजैक्शन पर छूट का फैसला भी मंत्रियों के समूह को दिया गया है। इस बैठक में फैसला किया गया कि अब व्यापारी सिर्फ एक ही GST रिटर्न फाइल करेंगे। ये रिटर्न एक महीने में फाइल करना होगा।वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद कहा कि GSTN के स्ट्रक्चर को बदलने पर काउंसिल की बैठक में विचार हुआ। इस कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 100 फीसदी करने को जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी दे दी। अब GSTN सरकारी कंपनी होगी।इससे पहले खबर आई थी कि सरकार गन्ना किसानों की भरपाई के लिए चीनी पर सेस लगाने जा रही है। ऐसी खबरें थी कि चीनी पर 3 रुपए किलो का सेस लगाया जा सकता है। इस सेस के जरिए सरकार की 1540 करोड़ रुपए जुटाने की योजना थी। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री ने कहा कि चीनी पर सेस लगाना सही नही हैं। ये जीएसटी के मूल उद्देश्यों के खिलाफ है।अभी चीनी पर सरकार 5 फीसदी जीएसटी वसूलती है। अगर सेस लगता तो चीनी के भाव बढ़ जाते। सरकार ये सेस कंपनियों पर लगाती। बाद में कंपनियां इसे ग्राहकों से वसूलती। जीसएटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक आज दिल्ली में हुई। इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रैंस के जरिए राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ हुई।
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