ज्ञानवापी प्रकरण : निगरानी याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने दाखिल की आपत्ति

Gyanvapi-case

ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ जिला जज डॉ. अजयकृष्ण विश्वेश की अदालत में दाखिल निगरानी याचिका पर सोमवार को शोक के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इसके पूर्व अंजुमन इंतजामिया की ओर से वादमित्र की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की गई। मामले की अगली सुनवाई 19 अक्तूबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि स्वयम्भू आदि विश्वेश्वर के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दायर मुकदमे पर फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने पूर्व में ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश दिया है। उसके खिलाफ अंजुमन इंतजामिया की ओर जिला जज की अदालत में जुलाई 2021 में निगरानी अर्जी दाखिल की गई है। इसी दौरान शृंगारगौरी प्रकरण में जिला जज के आदेश के बाद वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने सक्षम अदालत में आदेश की प्रमाणित प्रति सौंपी। उन्होंने मांग की है कि अंजुमन इंतजामिया ने मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति मानते हुए कहा है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के चलते स्थानीय कोर्ट को मामले को सुनने का अधिकार नहीं है। शृंगारगौरी केस में आए आदेश के आलोक में इस निगरानी अर्जी को खारिज किया जाए।

वुजूखाना प्रकरण में सुनवाई 15 अक्तूबर तक टली

वाराणसी, संवाददाता। ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी को लेकर एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सोमवार को आदेश नहीं आया। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 15 अक्तूबर नियत की है। पिछली तिथि पर इस अर्जी पर बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है कि नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए और गंदगी फैलाई जाती है जबकि वह स्थान हमारे आराध्य भगवान शिव का स्थान है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है। नमाजियों के खिलाफ कोर्ट से कार्रवाई की मांग की गई है। वादी ने एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि के बयानों को हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

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