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महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद चरम पर पहुंच गया है। हनुमान चालीसा पढ़ने के ऐलान पर सांसद नवनीत राणा और और उनके पति रवि राणा फिलहाल जेल में हैं। नवनीत राणा और उनके एमएलए पति रवि राणा को शनिवार को मुंबई में सीएम उध्दव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के सामने ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने के ऐलान के बाद गिरफ्तार किया गया था।
वहीं रमजान के महीने में देश के कुछ राज्यों में लाउडस्पीकर पर फुल साउंड में नमाज पढ़ने को लेकर मामला गर्माया हुआ है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव सरकार को 3 मई तक सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद अब इस मालमे पर सियासत डारी है।
वहीं महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर दिलीप वालसे पाटिल ने इस संबंध में कहा है कि प्रदेश सरकार के लाउडस्पीकर को लगाने या हटाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं कर सकती है। महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक ये केंद्र का विषय है, लाउडस्पीकर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पहले ही आ चुका है, ऐसे में सेंट्रल गर्वमेंट को इस संबंध में कानून लाना चाहिए, ये नियम फिर सभी राज्यों में लागू होगा । दरअसल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव सरकार को चेतावनी दी है कि 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर यदि नहीं हटाए गए तो इसके गंभीर परिणाम होंगे । मनसे ने ऐलान किया है कि महाराष्ट्र की सभी मस्जिदों के सामने फुल साउंड में हनुमान चालीसा बजाया जाएगा। उत्तरप्रदेश में भी ये मामला गरमाया हुआ है, यहां सीएम योगी के आदेश से लाउडस्पीकर की आवाज परिसर तक ही सीमित की गई है। इस विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट का वो आदेश भी देखना होगा जो 17 साल पहले दिया गया था।
अब से करीब 17 साल पहले लाउडस्पीकर के फुल साउंड पर बजाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचा था, उस समय लाउडस्पीकर के साउंड में हैरतअंगज वारदात को अंजाम दिया गया था। साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर बजाने पर अहम आदेश दिया था। उस समय एक 13 साल की लड़की के साथ बलात्कार हुआ था, वह जोर-जोर से मदद के लिए चीखती रही, लेकिन पड़ोस में लाउडस्पीकर की तेज आवाज के बीच उसी चीख गुम हो गई थी ।
इसके वारदात के बाद एक याचिकाकर्ता ने पीआईएल लगाकर सुप्रीम कोर्ट में लाउडस्पीकर के जरिए फैलन वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पर उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि किसी भी साउंड सिस्टम की आवाज 10 से 75 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। घर पर बजाए जाने वाले साउंड सिस्टम का स्वर 5 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। अब महारष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर इस विवाद को केंद्र के पाले में डाल रही है।
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