सीताराम येचुरी के बयान को लेकर संत समाज ने किया विरोध, बाबा रामदेव ने दर्ज कराई एफआईआर

नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी के खिलाफ योगगुरु बाबा रामदेव ने एफआईआर दर्ज करा दी है। योगगुरु बाबा रामदेव ने सीताराम येचुरी द्वारा हिंदुओं को हिंसक और क्रूर बताए जाने पर कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपमानजनक टिप्पणी करता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओ को हिंसक बताया जा रहा है। रामदेव ने हरिद्वार एसएसपी को लिखित तहरीर देकर इसे राष्ट्रीय अपमान करार दिया है. माकपा सचिव येचुरी ने कहा था कि रामायण और महाभारत हिंसक घटनाओं से भरे पड़े हैं। इसके बाद साधु संतों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

मार्क्सवादी नेता सीताराम येचुरी के बयान को लेकर संत समाज ने विरोध शुरू कर दिया. हरिद्वार में येचुरी के बयान के विरोध में साधु संतों की बैठक हुई. बैठक में योगगुरु बाबा रामदेव, भारत माता मंदिर के
परमाध्यक्ष स्वामी सत्यमित्रानंद, बाबा विनोद गिरी महाराज, हरिचेतनानंद महाराज मौजूद रहे. बाबा रामदेव ने सीताराम येचुरी के बारे में कहा कि उनका खुद का नाम सीता है, फिर भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, श्रीकृष्ण और माता सीता को वह हिंसक कह रहे हैं. ये बयान संविधान के खिलाफ है. बाबा रामदेव ने येचुरी को अपना नाम बदलकर तैमूर, बाबर रख लेने की बात कही.

बाबा रामदेव ने कहा कि इसका मतलब ये है कि येचुरी यह मानते हैं कि राम और कृष्ण हुए हैं. रामायण और महाभारत एक महाकाव्य है. उन्होंने कहा कि बावजूद इसके सीताराम येचुरी ने हिंदू को स्वभाव से ही हिंसक और क्रूर बताकर हिंदू समाज का घोर अपमान किया है. उन्होंने कहा कि येचुरी ने संस्कृति और सभ्यता के ऊपर घोर आपत्तिजनक घिनौना कृत्य किया है  मार्क्सवाद पर निशाना साधते हुए रामदेव ने कहा कि हिम्मत है तो येचुरी ईसाइयत, इस्लाम और कम्युनिस्टों के खिलाफ बोलकर दिखाएं.

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