सेहत: आयुर्वेद में खान—पान के ये नियम बताए गए हैं, पाचन क्रिया में होगा सुधार

अच्छी सेहत के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते. योग, एक्सरसाइज, मॉर्निंग वॉक और डाइटिंग फॉलो करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में खान-पान को लेकर ऐसी कई बातें कही गई हैं जिनका पालन करने से न सिर्फ आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है बल्कि इससे आपका वेट भी कंट्रोल में रहता है। आयुर्वेद के इन नियमों को अपनाने से पाचम क्रिया भी तंदुरुस्त रहती है। आइए जानते हैं आयुर्वेद के उन नियमों के बारे में…

स्टीम या हाफ बॉयल करके खाएं सब्जियां
सब्जियों को ज्यादा न पकाएं। ऐसा करने से उनके पोषक तत्व कम हो जाते हैं लेकिन अगर आप उनको कच्चा छोड़ देंगे, तो ये आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप सब्जियों को न तो ज्यादा पकाएं न ही उन्हें कच्चा छोड़ें।

कच्चे मसालों को भूनकर और पीसकर करें इस्तेमाल
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खड़े मसालों को तवे पर भूनकर और पीसकर इसका इस्तेमाल करें. खासतौर पर बदलते मौसम में अदरक को तवे पर भून कर खा सकते हैं।

छानकर न करें आटे का इस्तेमाल
गेहूं में फाइबर होता है लेकिन इसका ज्यादातर फाइबर ब्रालाउन वाले भाग में होता है। तो आप जब भी आटा इस्तेमाल करें इस बात का ध्यान रखें कि इसे बिना छाने इस्तेमाल करें। चोकर वाला आटा सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।

ठंडा भोजन करने से कमजोर होती है पाचन क्रिया
ठंडा खाना खाने से बचें। यह आपके पाचन को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि पूरा पेट भर कर कभी न खाएं। आयुर्वेद के अनुसार भरपेट न खाने से भोजन आसानी से पचता है।

मीठा कम खाएं
आयुर्वेद के अनुसार मीठा कम खाना चाहिए। आप मीठे के विकल्प के तौर पर शहद या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको डायबिटीज जैसे रोगों से बचा सकता है।

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