हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भारी भूस्खलन से ताश के पत्तों सी बिखर गई 8-9 बिल्डिंग्स

Himachal Landslide

यूनिक समय, कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और लैंडस्लाइड्स ने फिर से हाहाकार मचा दिया है। कुल्लू जिले में बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कई घर ताश के पत्तों की तरह ढहने की खबर है। यह भयावह घटना कैमरे में कैप्चर हुई है। इस हादसे में कितनी नुकसान हुआ है, अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

यह वीडियो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने X पर शेयर करते हुए लिखा-कुल्लू के आनी से परेशान करने वाले दृश्य सामने आ रहे हैं, जिसमें विनाशकारी भूस्खलन के बीच एक विशाल व्यावसायिक इमारत ढहती हुई दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि प्रशासन ने खतरे की पहचान कर ली थी और दो दिन पहले ही इमारत को सफलतापूर्वक खाली करा लिया था।

हिमाचल में भूस्खलन से कुल्लू की इमारतों पर मडरा रहा है खतरा – Himachal Landslide

हिमाचल के कुल्लू में भूस्खलन के चलते आनी बस स्टैंड की दो अन्य इमारतें अपनी जगह से खिसक गई हैं। कुछ अन्य इमारतों पर भी खतरा मंडरा रहा है। लैंडस्लाइड के दौरान लोग अपनी जान बचाकर भागते देखे गए। SDM आनी नरेश वर्मा ने मीडिया को बताया कि आगे की तीन बिल्डिंग और पीछे पहाड़ी की 4 बिल्डिंग्स गिरी हैं। सभी खतरनाक भवनों को खाली करा लिया गया है।

जैसा कि शेयर किए गए वीडियो में दिखाई दे रहा है, आनी शहर में एक बस स्टैंड के पास कम से कम आठ से नौ बड़ी इमारतें ढह गईं। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, गुरुवार को हुए भूस्खलन में ढही इमारतों में से एक में दो बैंक संचालित हो रहे थे।

हिमाचल में जारी भूस्खलन से  कुल्लू-मंडी हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया है-Himachal Landslide

हिमाचल में जारी भूस्खलन से कुल्लू-मंडी हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे दोनों तरफ का संपर्क टूट गया है जबकि कई वाहन सड़क पर फंसे हुए हैं। हिमाचल में बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित एक और शहर शिमला में पिछले 24 घंटों में 190 मिमी बारिश दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश में बारिश जारी है। मौसम विभाग ने पूरे हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल प्रदेश में इस साल कुल 2,022 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, और 9,615 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस साल के मानसून सीजन में 113 भूस्खलन हुए हैं। पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले शिमला में 100 से अधिक इमारतें ढह गईं। राज्य इतिहास की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। शिमला के प्रसिद्ध समर हिल क्षेत्र में एक प्राचीन शिव मंदिर इस मानसून में बह गया था।

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