दक्षिण पश्चिमी मानसून की सक्रियता ने कई राज्यो में हाहाकार मचा दिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और बिहार में लगातार बारिश ने तबाही बरपा दी है। राजस्थान में 200 और मध्य प्रदेश में करीब 50 छोटे-बड़े डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं। मप्र के हालात बेहद खराब हैं। तेज बारिश और हवाओं के चलते प्रदेश के कई जिलों में बिजली गुल हो रही है। उत्तर प्रदेश में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बिहार में गंगा खतरे के निशान के करीब है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि आजकल में मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों और पूर्वी राजस्थान में मध्यम से भारी बारिश के साथ छिटपुट बहुत भारी बारिश हो सकती है। यह तस्वीर ओडिशा के बालासोर जिले के जलेश्वर के पास राजघाट की है। यहां भारी मानसूनी बारिश के कारण सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।)
मौसम विभाग ने आजकल मे मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक या दो स्थानों पर एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभव है। पश्चिम बंगाल के ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, गुजरात के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हल्की बारिश संभव है।
झारखंड के दक्षिणी हिस्से में रहने वाले करीब 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में नदियों और बांधों में पानी भर गया है। हालांकि, भारी बारिश लाने वाला गहरा दबाव कमजोर हो गया है, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। प्रशासन अगले दो दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए एहतियात के तौर पर जिले के कुछ इलाकों में शेल्टर होम्स की पहचान कर रहा है। रांची मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि फिलहाल राज्य के लिए कोई मौसम चेतावनी नहीं है।
ओडिशा के बालासोर और मयूरभंज जिलों में अधिकारियों ने निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर लोगों को निकालने का अभियान शुरू किया है। विशेष राहत आयुक्त प्रदीप के जेना ने कहा कि एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और दमकल सेवा के कर्मियों की 58 बचाव टीमों को बालासोर और मयूरभंज जिलों में तैनात किया गया है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव के कारण हुई भारी बारिश और बाद में झारखंड से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के कारण उत्तरी ओडिशा में स्थित सभी नदियों का जल स्तर उफान पर है। जेना के अनुसार, झारखंड ने भारी बारिश के बाद सुवर्णरेखा नदी प्रणाली पर गलुडीह बैराज से लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। रविवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विशेष राहत आयुक्त के अधिकार बालासोर जिले के कलेक्टर को सौंपे, ताकि स्थानीय प्रशासन और अधिक प्रभावी हो सके। ओडिशा पहले से ही महानदी नदी प्रणाली में लगातार बारिश के बाद मध्यम बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहा है, जिससे 7 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सरकारी अनुमानों के अनुसार, 763 गांवों में लगभग 5 लाख अभी भी फंसे हुए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि गहरा दबाव अब कमजोर होकर उत्तर पश्चिमी छत्तीसगढ़ और इससे सटे पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश में कमजोर हो गया है।
उत्तर प्रदेश के चौंसठ जिलों में इस मानसून में सामान्य से कम बारिश हुई है, जिनमें से कई में सूखे जैसे हालात हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के मुताबिक, 19 अगस्त तक यूपी के 75 जिलों में से केवल 11 में ही सामान्य बारिश हुई है। जहां सरकारी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश इस कमी को पूरा करेगी, वहीं किसानों को डर है कि अब बहुत देर हो चुकी है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, बीते दिन ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मध्य महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और तटीय कर्नाटक में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई।अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, विदर्भ, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्व भारत, सिक्किम, कोंकण और गोवा, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। दिल्ली, बिहार के झारखंड के शेष हिस्से, तटीय आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप, मराठवाड़ा और गुजरात में हल्की बारिश हुई।
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